कहानी १३: एलिजाबेथ और जकर्याह आनन्द मनाते है|
वो समय आ गया था जब एलिजाबेथ को अपने बच्चे को जन्म देना था।उसका एक बेटा हुआ, जैसे स्वर्गदूत गेब्रियल ने कहा। जब हर कोई यह जान गया कि विनीत, बूढ़ी, बंजर एलिजाबेथ का अंत में एक बच्चा हुआ, वे यह जानते थे कि वह परमेश्वर की ओर से एक विशेष उपहार था, और उन्होंने आनन्द मनाया! परमेश्वर ने बच्चे के माँ बाप के हालात को यह दिखाने के लिए इस्तमाल किया कि उस बच्चे का जीवन खास था और उसे एक बहुत ही उच्च बुलाहट के लिए चुना गया है।
बच्चे के खतने का समय आ गया था; जैसे सभी छोटे यहूदी लड़कों का होता था। यह यहूदी बेटों के जीवन में एक महान दिन था। जब उनका खतना होता था, वो यह दर्शाता था कि वे परम प्रधान परमेश्वर के लिए अलग चुने गए है। इसका मतलब था कि वे परमेश्वर के परिवार के थे! परमेश्वर ने उनको यह व्यवस्था दी थी कि यह इसराइल की उसके साथ वाचा का एक चिन्ह होगा। जकर्याह और एलिजाबेथ अपने प्रभु के प्रति विश्वासयोग्य आज्ञाकारी हो रहे थे।
एक चाकू लिया जाता था, और त्वचा का एक छोटा सा टुकड़ा, लड़के के निजी हिस्से से काट लिया जाता था। यह एक पल के लिए दर्द करता, और उसमे से खून भी बह सकता था; लेकिन उस बिंदु से, बच्चे को परमेश्वर के लिए उसके शरीर में चिह्नित कर दिया जाता था। जब एलिजाबेथ और जकर्याह के रिश्तेदार और दोस्त इस खूबसूरत पल को मना रहे थे, वे लड़के के नाम के बारे में पूछने लगे। यहूदी घरों में, वे लगभग हमेशा अपने पूर्वजों पर अपने बच्चों का नाम रखते थे।उन्होंने विचारा कि उसका नाम जकर्याह हो सकता था। लेकिन परमेश्वर ने ज़करिया को इस बेटे के लिए एक बहुत ही खास नाम दिया था। जकर्याह अभी तक बोल नहीं सकता था, इसलिए एलिजाबेथ ने उसके लिए बोला। उसने कहा: "नहीं! उसको यूहन्ना बुलाया जाएगा।' "
सबको यह अटपटा लगा। उनके परिवार में कोई भी, कभी भी इस नाम से नहीं कहलाया गया था! उन्होंने एलिजाबेथ के साथ बहस की। यह बहुत अजीब था; यह परिवार की परंपरा को तोड़ना था! वे जकर्याह की ओर मुड़े। वह इस बच्चे के लिए क्या नाम चाहते थे? उसने इशारे से एक लिखने का तखत मंगाया। स्वर्गदूत गैब्रियल के शब्दों को सच करते हुए, जकर्याह ने लिखा: " ' उसका नाम यूहन्ना है।' "
उसी क्षण में, परमेश्वर ने जकर्याह का मुंह खोला ताकि वो बोल सके! जकर्याह अपने अच्छे और गौरवशाली प्रभु की स्तुति करने लगा! पड़ौसी चकित रह गए, और इन उल्लेखनीय घटनाओं के बारे में बात फैल गई। देश भर में हर कोई इस बच्चे के जीवन के आसपास हो रहे अजीब और अद्भुत चीजों के बारे में बात कर रहे थे। उन्होंने बोला: 'फिर अब यह बच्चा क्या होने जा रहा था? क्यूंकि प्रभु का हाथ उसके साथ था। "
पवित्र आत्मा ने जकर्याह को भरा, और उसने अपने बच्चे के बारे में यह अद्भुत भविष्यवाणी की:
कि प्रभु इस्राएल का परमेश्वर धन्य हो, कि उस ने अपने लोगों पर दृष्टि की और उन का छुटकारा दिया है।
ओर अपने सेवक दाऊद के घराने में हमारे लिए एक उद्धार का सींग निकाला।
जैसे उस ने अपने पवित्र भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा जो जगत के आदि से होते आए हैं, कहा था।
अर्थाथ हमारे शत्रुओं से, और हमारे सब बैरियों के हाथ से हमारा उद्धार किया है।
कि हमारे बाप-दादों पर दया करके अपनी पवित्र वाचा का स्मरण करे।
और वह शपय जो उस ने हमारे पिता इब्राहीम से खाई थी।
कि वह हमें यह देगा, कि हम अपने शत्रुओं के हाथ से छुटकारा पाए।
उसके सामने पवित्रता और धामिर्कता से जीवन भर निडर रहकर उस की सेवा करते रहें।
और तू हे बालक, परमप्रधान का भविष्यद्वक्ता कहलाएगा, क्योंकि तू प्रभु के मार्ग तैयार करने के लिए उसके आगे आगे चलेगा,
और उसके लोगों से कहेगा कि उनके पापों की क्षमा द्वारा उनका उद्धार होगा।
यह हमारे परमेश्वर की उसी बड़ी करूणा से होगा; जिस के कारण ऊपर से हम पर भोर का प्रकाश उदय होगा।
कि अन्धकार और मृत्यु की छाया में बैठने वालों को ज्योति दे, और हमारे पांवों को कुशल के मार्ग में सीधे चलाए।।
लूका १ः६८-७९
जकर्याह, विश्वास की परिपूर्णता से भरा हुआ हो गया था। जकर्याह का बेटा बड़ा हुआ और परमेश्वर की आत्मा में बलवंत हुआ।