पाठ 13 : दानिय्येल के दुश्मनों की प्रवंचना और भ्रष्टाचार
अगली कहानी शायद बाबेल के मादी-फारसी साम्राज्य के हाथों में गिरने के शायद एक या दो वर्ष पहले की है I राजा दारा, जो साइरस भी कहलाता था, राजा था I वह वो राजा था जिसे यशायाह नबी ने उसके नाम से पुकारा था I सौ वर्षों पहले, यशायाह और फिर यर्मियाह ने कहा था कि साइरस नामक एक मादी, उन यहूदियों को यरूशलेम में वापस आने देगा जो निर्वासन में थे I उसने उन प्रत्येक यहूदी को वादे के देश में वापस जाने दिया जिनके हृदय परमेश्वर द्वारा परिवर्तित हुए थे I वे फिर से पवित्र परमेश्वर में मंदिर को बनायेंगे I वे फिर से एक राष्ट्र होंगे I साइरस राजा ने यहूदियों को अपने साथ 5,400 सोने और चांदी के बर्तनों को ले जाने की अनुमति दी जो नबूकदनेस्सर ने भी मंदिर से लिए थे I पुराने नियम की किताब एज्रा हमें बताती है कि किस प्रकार यहूदी लौटे और मंदिर का निर्माण किया I नहेमायाह की किताब बताती है कि किस प्रकार यहूदियों ने मिलकर यरूशलेम के चारों ओर दीवार का दोबारा निर्माण किया I इस्राएल के इतिहास में यह पुर्निवास से लौट कर आना अनेक घटनाओं में से सबसे महत्वपूर्ण घटना है I जब हम एज्रा और नहेमायाह की कितबों का अध्ययन करेंगे तब हम इसके विषय में बाद में और सीखेंगे I
दानिय्येल उन यहूदियों के साथ नहीं गया जो यरूशलेम को लौट रहे थे I हम नहीं जानते क्यों I ऐसा इसलिए हुआ होगा क्योंकि वह अस्सी वर्ष का हो चुका था I जल्दी और आसान यात्रा करने के लिए बगैर ट्रेन या हवाई जहाज़ या गाड़ी के, वापस ऐसी यात्रा करना बहुत कठिन थी I परन्तु दानिय्येल के पास राजा के लिए बहुत से महत्वपूर्ण कार्य थे जिन्हें उसे करने थे I राजा दारा ने दानिय्येल को और अन्य दो पुरुषों को 120 क्षत्रपों, या अधिकारीयों के ऊपर नियुक्त किया जो पूरे साम्राज्य पर शासन करते थे I दानिय्येल नए राजा की मदद कर रहा था ताकि वह दुनिया के उस सबसे विशाल साम्राज्य के ऊपर शासन कर सके जिसे उसने पहले कभी नहीं देखा था I ये अधिकारी दानिय्येल के प्रति उत्तरदायी थे, और दानिय्येल यह निश्चित करता था कि कुछ ऐसा बुरा ना हो जिससे राजा को समस्या हो या उसका नुकसान हो I और दानिय्येल जो कुछ करता था वह उसमें अति उत्कृष्ट था I दानिय्येल के अन्दर ऐसी असाधारण भावना थी कि राजा दारा ने सोच लिया था कि वह दानिय्येल को पूरे साम्राज्य के ऊपर प्रभारी बनाएगा I
अन्य अधिकारीयों और राज्यपालों को यह बात बिलकुल पसंद नहीं आई I ऐसा नहीं था कि वे दानिय्येल को एक बुरा व्यक्ति मानते थे I उन्हें इस बात की भी चिंता नहीं थी की वह एक अच्छा अगुआ नहीं बन सकता I वास्तव में, वे जानते थे कि उसका विपरीत सही है I दानिय्येल इतना अच्छा व्यक्ति था कि उसके विरुद्ध वे कोई दोष नहीं ढूंढ पाए I वह जो भी करता था उसमें कोई भ्रष्टाचार नहीं था I वह पूरी तरह विश्वासयोग्य था, वह बेईमान नहीं था और वह अपना सारा काम अच्छी तरह से करता था I यही सब अच्छी बातें हैं जो एक अगुए के विषय में जाननी चाहिए!
ये लोग नहीं चाहते थे कि राजा दारा सत्ता और राज्य का अधिकार दानिय्येल को दे क्योंकि वे ईर्ष्या रखते थे I वे स्वयं के लिए उस अधिकार को चाहते थे I दानिय्येल को नष्ट करने का तरीका ढूंढने के बाद, उन्हें एहसास हुआ कि वह ऐसा कोई काम नहीं करेगा जिसके लिए वे उस पर आक्रमण कर सकें I इसलिए उन लोगों ने कहा, “दानिय्येल पर कोई बुरा काम करने का दोष लगाने की कोई वजह हम कभी नहीं ढूँढ़ पायेंगे। इसलिये हमें शिकायत के लिये कोई ऐसी बात ढूँढ़नी चाहिये जो उसके परमेश्वर के नियमों से सम्बंध रखती हो।”
सो वे दोनों पर्यवेक्षक और प्रांत—अधिपति टोली बना कर राजा के पास यह सोच कर गए कि वे उसे धोखा दे सकेंगे । उन्होंने कहा, “’हे राजा दारा, तुम अमर रहो! हम सभी पर्यवेक्षक, हाकिम, प्रांत—अधिपति, मंत्री और राज्यपाल किसी एक बात पर सहमत हैं। हमारा विचार है कि राजा को यह नियम बना देना चाहिये और हर व्यक्ति को इस नियम का पालन करना चाहिये। वह नियम यह हैं: यदि अगले तीस दिनों तक कोई भी व्यक्ति हे राजा, आपको छोड़ किसी और देवता या व्यक्ति की प्रार्थना करे तो उस व्यक्ति को शेरों की माँद में डाल दिया जाये। अब हे राजा! जिस कागज पर यह नियम लिखा है, तुम उस पर हस्ताक्षर कर दो। इस तरह से यह नियम कभी बदला नहीं जा सकेगा। क्योंकि मीदियों और फ़ारसियों के नियम न तो बदले जा सकते हैं और न ही मिटाए जा सकते हैं।‘”
राजा दारा ने अपने अधिकारियों की सुनी I उसने फरमान जारी किया, परन्तु उसने नहीं सोचा कि दानिय्येल के लिए यह क्या मायने रखेगा I अवश्य दानिय्येल कभी भी इस्राएल के परमेश्वर की आज्ञा का उल्लंघन नहीं करेगा I वह अपने प्रभु के अलावा और किसी से प्रार्थना नहीं करेगा I अधिकारीयों को यकीन है कि उनकी योजना काम करेगी क्योंकि उन्हें दानिय्येल की अपने यहोवा के प्रति भक्ति पर यकीन था I
दानिय्येल क्या करेगा? क्या वह परमेश्वर से प्रार्थना करता रहेगा? क्या वह अपने प्राण बचाने के लिए अपने विश्वास को छुपाएगा? वह क्या करेगा?