पाठ 72 पौलुस का कुरिन्युस में लम्बा ठहरना

पौलुस एथेंस में नए विश्वासियों को छोड़ कर कुरिन्थुस नामक शहर में चला गया। उस शहर में विभिन्न देवताओं के नाम कम से कम बारह मंदिर थे। यह एक ऐसा शहर था जहां गंदी अनैतिकता एक सामान्य बात थी और पूरे यूनान में "कुरिन्थुस" शब्द के दो अर्थ जाने जाते थे। इस शहर में सब कुछ बहुत बुरा (एनआईवीएसटी 1774 ) होता था। पौलुस जहाँ कहीं भी गया वहां मूर्ति पूजा होती थी, जैसा कि एथेंस में था। पौलुस जैसे धर्मी व्यक्ति के लिए इतना पाप और मूर्तिपूजा को देखना बहुत कष्टदायक था! वहां रहते हुए पौलुस को कुछ अच्छे नए लोग मिले जो जल्दी से उसके करीबी मित्र बन गए। वे अक्विला नामक एक व्यक्ति और उसकी पत्नी प्रिस्किल्ला थे, और वे विश्वासी थे।

अक्विला और प्रिस्किल्ला पौलुस की तरह तम्बू बनाने वाले थे। वह उनके साथ रहा। और उनके साथ काम करता था। प्रति दिन वे परिश्रम के साथ तंबू बनाते थे । सन्त के दिन, वह यहूदी आराधनालय में जाकर यहूदियों और ईश्वर से डरने वाले यूनानियों को प्रभु यीशु के बारे में बताने की कोशिश करता था जल्द ही सीलाग और तीमुथियुस पौलुस को कुरिन्युस में मिल गए। उन्होंने उसे धन देकर समर्थन प्रदान किया ताकि वह तंबू बनाना छोड़ कर सुसमाचार का प्रचार करने में अपना पूरा समय समर्पित कर सके। वह दिल से चाहता था कि यहूदी अपने मसीहा को जान जाएँ! उसे कितनी धुन थी कि यहूदी अपने मसीहा को जान जाएँ। परन्तु यहूदियों ने यीशु पर विश्वास नहीं किया। उन्होंने पौलुस के विरुद्ध तर्क किया और उसे भयानक, अपमानजनक बातें कहीं। इसलिए पौलुस ने अपने वस्त्र आड़े और वहां से चला गया। अपने वस्त्रों को झाड़ना इस बात का संकेत था कि उसे उनसे अब कुछ लेना देना नहीं था। उसने कहा, " तुम्हारा खून तुम्हारे ही सिर पड़े। उसका मुझ से कोई सरोकार नहीं है। अब से आगे मैं गैर यहूदियों के पास चला जाऊंगा।" यह निर्णय परमेश्वर की ओर से था, परन्तु यह पौलुस के लिए बहुत कष्टदायक था। उसे बहुत लालसा थी कि उसके लोग यीशु को जान लें। एक समय पर, उसने कहा कि वह अपने उद्धार के बदले यहूदियों के लिए छोड़ने को तैयार है यदि वे यीशु को अपना लें। वह उनके लिए नरक में जाने के लिए तैयार था।

पौलुस ने आराधनालय में प्रचार करना बंद कर दिया, और पड़ोस में चला गया जो तिस यूस्तुस नामक व्यक्ति का घर था। पौलुस ने वहां से सिखाना आरंभ किया उसके प्रचार के माध्यम से, आराधनालय के सरदार क्रिस्पुस ने मसीह पर विश्वास किया और बपतिस्मा लिया। कई अन्य कुरिन्थवासियों ने भी यीशु पर विश्वास किया। पौलुस और उसके मित्र नए विश्वासियों को एक दृढ कलीसिया के तौर पर विकसित होने में मदद कर रहे थे। बहुत जल्द, ऐसा लगा कि पौलुस के आगे जाने का समय हो गया था। आम तौर पर, पौलुस कुछ समय के लिए केवल एक शहर में ठहर जाता था। फिर वह अगले शहर में चला जाता था। जितना संभव हो सके वह उतने स्थानों में जा जाकर सुसमाचार का प्रचार करना चाहता था!

परमेश्वर ने एक रात पौलुस से एक दर्शन के द्वारा उससे कहा, "डर मत, बोलता रह और चुप मत हो। क्योंकि मैं तेरे साथ हूँ। सो तुझ पर हमला करके कोई भी तुझे हानि नहीं पहुंचायेगा क्योंकि इस नगर में मेरे बहुत से लोग हैं।" यह कितना अद्भुत होगा? यीशु पहले से ही जानता था कि कुरिन्थुस के कितने लोग उसके पास आएंगे, और वह चाहता था कि पौलुस सुसमाचार का प्रचार जारी रखे ताकि वे सभी सुन सकें। यह पौलुस का काम नहीं था कि कितने लोग बचाए जाएंगे, यह सृष्टि की रचना से पहले ही परमेश्वर ने सोच लिया था। पौलुस को केवल आज्ञा का पालन करना था। और उसने किया। वह डेढ़ वर्ष तक कुरिन्थुस में रहा। पौलुस ने वहां रहकर कलीसियाओं को पत्र लिखे जिनकी उसने आरंभ होने के लिए सहायता की थी। उसने थिस्सलुनीकियों को दो पत्र लिखे। उसने एक कलीसिया को एक लंबा पत्र भी लिखा जहाँ वह पहले कभी नहीं गया था, हालांकि उसके कई मित्र इसका हिस्सा थे क्रूस पर यीशु की मृत्यु को अब पच्चीस वर्ष हो चुके थे, और एक दृढ कलीसिया दुनिया के सबसे महान शहरों में विकसित थी। प्रिस्किल्ला और अक्विला इस कलीसिया का हिस्सा थे। यह रोम में था। पौलुस ने उन्हें एक पत्र लिखा था जिसे अब रोमियों की पुस्तक कहते हैं।

कुछ समय बाद कुरिन्थुस के यहूदियों ने पौलुस पर हमला किया। वे उसे चुप कराना चाहते थे वे उसे अदालत में ले गए, इस आशा से कि वह चुप हो जाएगा । उन्होंने दावा किया कि पौलुस लोगों को नियम के विरुद्ध तरीके से परमेश्वर की उपासना करने के लिए कह रहा था। वे राज्यपाल गल्लियो के सामने खड़े थे, जो इस मामले का न्याय कर रहे थे। जैसे ही पौलुस स्वयं की रक्षा करने वाला था, गल्लियो ने उसे टोक दिया। "यदि आप यहूदी कुछ दुर्व्यवहार या गंभीर अपराध के बारे में शिकायत कर रहे थे, तो यह आपके लिए सुनना उचित होगा। लेकिन चूंकि इसमें शब्दों और नामों और अपने कानून के बारे में प्रश्न शामिल हैं, इस मामले को स्वयं ही व्यवस्थित करें। मैं ऐसी चीजों का जज नहीं बनूंगा।" फिर उसने उन्हें अदालत से निकाल दिया! हर कोई सभास्थल के शासक सोस्थनेस के विरुद्ध हो गया, और अदालत के सामने, उसे मारना शुरू कर दिया! गल्लियो ने भी परवाह नहीं की। पौलुस अब सुरक्षापूर्वक फिर से सुसमाचार का प्रचार कर सकता था।