पाठ 39: यहूदी और गैर - यहूदी की भेंट
कुरनेलियस ने अपने सेवकों को पतरस नामक व्यक्ति को खोजने के लिए भेजा जिसे परमेश्वर ने उसे एक दर्शन में खोजने के लिए कहा था। जब उन्होंने पतरस को पाया और दर्शन को समझाया, तो जो उन पुरुषों ने कहा था उसे पतरस ने स्वीकार किया, और उन्हें अतिथियों के रूप में घर में रहने के लिए आमंत्रित किया। यहूदी आमतौर पर गैर-यहूदियों को अपने घरों में रहने के लिए आमंत्रित नहीं करते थे। जैसा कि मूसा के नियम में कुछ प्रकार के पशुओं को खाना मना था, अन्यजातियों के साथ रहना या खाना भी नियम के विरुद्ध था। परन्तु पतरस का हृदय परिवर्तित होने लगा था। वह उस दर्शन के विषय में सोचने लगा जिसे उसने छत पर देखा था। वह सोच रहा था कि परमेश्वर किस प्रकार दिखा रहा था कि अब पुराने नियमों का मायने नहीं रहा। पतरस सोच रहा था कि किस प्रकार मसीह के द्वारा, परमेश्वर उन सभी लोगों को स्वीकार करता है जो उस पर अपना विश्वास रखते हैं। पतरस उनके साथ करनेलियस के घर जाने के लिए तैयार हो गया।
पतरस उन पुरुषों के साथ चला गया जिन्हें कुरनेलियस ने अगली सुबह भेजा था। यह कैसरिया में कुरनेलियस के घर से जोपा तक तीस मील की दूरी पर था। कैसरिया एक अन्य शहर था जो समुद्र के किनारे पर बसा हुआ था। वे एक दिन बाद पहुंचे, और कुरनेलियस को उत्सुकता के साथ उनके आने की प्रतीक्षा करते पाया। उसने अपना जीवन परमेश्वर से प्रार्थना करने में और दरिद्रों को दान करने में बिताया था, और अब परमेश्वर ने उसे एक विशेष संदेशवाहक के द्वारा एक विशेष संदेश के साथ सम्मानित किया था।
सेनापति कुरनेलियस ने अपने सम्बन्धियों और निकट मित्रों को बुलाया कि वे वह सब सुनें जो कुछ पतरस को उनसे कहना था। कल्पना कीजिए कि किस प्रकार उत्साह के साथ, वे इस व्यक्ति की जिसे परमेश्वर ने चुना था प्रतीक्षा प्रति दिन कर रहे थे, जिसे कुरनेलियस के सेवक लेकर आ रहे थे! वे कैसे आपस में बातें कर रहे होंगे। जैसे ही पतरस ने घर में प्रवेश किया, कुरनेलियस ने उसे प्रणाम किया और आदरणीय सम्मान के साथ पतरस के पैरों पर गिर गया। पतरस नहीं चाहता था कि उसे दंडवत किया जाए। वह जानता था कि केवल परमेश्वर को ही दंडवत किया जाना चाहिए, इसलिए उसने कुलियुग को बड़ा किया और समझा कि वह केवल एक मनुष्य था। जब वे बातें कर रहे थे, वे अंदर गए और पतरस ने देखा कि लोगों की एक भीड़ उसकी प्रतीक्षा कर रही थी।
उसने कहा, 'तुम जानते हो कि एक बहूदी के लिये किसी दूसरी जाति के व्यक्ति के साथ कोई सम्बन्ध रखना या उसके यहाँ जाना विधान के विरुद्ध है किन्तु फिर भी परमेश्वर ने मुझे दर्शाया है कि मैं किसी भी व्यक्ति को अशुद्ध या अपवित्र न कहूँ। इसीलिए मुझे जब बुलाया गया तो मैं बिना किसी आपत्ति के आ गया। इसलिए मैं तुमसे पूछता हूं कि तुमने मुझे किस लिये बुलाया है?" पतरस परमेश्वर की आत्मा के द्वारा उन्हें नई बातें सिखा रहा था। कुरनेलियस ने कहा, "चार दिन पहले इसी समय दिन के नवें पहर तीन बजे मैं अपने घर में प्रार्थना कर रहा था। अचानक चमचमाते वस्त्रों में एक व्यक्ति मेरे सामने आकर बड़ा हुआ और कहा, 'कुरनेलियसतेरी बिनती सुन ली । गयी है और दीन दुखियों को दिये गये तेरे दान परमेश्वर के सामने याद किये गये हैं। इसलिए याफा भेजकर पतरस कहलाने वाले शमीन को बुलवा भेज। वह सागर किनारे चर्मकार शमीन के घर ठहरा हुआ है।" इसीलिए मैंने तुरंत तुझे बुलवा भेजा और तूने यहाँ आने की कृपा करके बहुत अच्छा किया। सो अब प्रभु ने जो कुछ आदेश तुझे दिये हैं, उस सब कुछ को सुनने के लिये हम सब यहाँ परमेश्वर के सामने उपस्थित हैं। "