पाठ 36 : समुद्र किनारे पतरस द्वारा किये गए चमत्कार
शिष्य दुनियाभर में बिखरे हुए थे। सुसमाचार अधिक से अधिक लोगों तक फैल रहा था। इस दौरान, पतरस ग्रामीण इलाकों की यात्रा कर रहा था। एक दिन, वह लुद्दा नामक एक शहर में संतों के साथ भेंट करने के लिए रुका। जब वह वहां था, वह अनियास नमक व्यक्ति से मिला। एनीस लकवे का रोगी एक मनुष्य था। आठ वर्ष से वह अपना बिस्तर छोड़ने में सक्षम नहीं था। इस व्यक्ति के जीवन की कठिनाई की कल्पना कीजिये। सोचिये कोई भी काम नहीं कर पाना कितना कठिन होगा। कल्पना कीजिये कि वह अपने परिवार पर कितना बड़ा बोझ होगा। इस अद्भुत दिन पर, यह सब बदलने जा रहा था।
पतरस ने उससे कहा, "अनिवास, यीशु मसीह तुझे स्वस्थ करता है। बड़ा हो और अपना बिस्तर ठीक कर।" अनियास तुरंत खड़ा हो गया। यीशु मसीह, हमारा अदभुत, प्रेमी परमेश्वर, लंगड़े को चंगा करने और अंधे को ऑंखें देने के लिए आया था। अब वह सामर्थ के साथ अपने विश्वासयोग्य सेवक के द्वारा कार्य कर रहा था। यह वास्तव में अद्भुत था, और जो कोई भी इसके विषय में सुनता था वह आनंद और आशा से भर जाता था। लुद्दा शहर और शारोन शहर के हर व्यक्ति ने देखा कि यीशु ने अनियास के लिए क्या किया था। यह व्यक्ति जिसका जीवन दुःख से भरा हुआ था, वह अब पूरी तरह से पूर्ण और स्वतंत्र था। दोनों कस्बों के लोगों ने इस अद्भुत आनंदमय परिवर्तन को देखा और यीशु पर विश्वास किया।
लुद्दा शहर याफा के बड़े बंदरगाह शहर के पास था। याफा में तबीता नामक एक विश्वासी महिला थी। वह एक अच्छी महिला थी जो हमेशा सही काम करती थी, चोगा और कपड़े सिलती थी, हर तरह से गरीबों की मदद करती थी और अपने चारों ओर लोगों के लिए आशीष थी। लेकिन फिर वह बहुत बीमार हो गई, और मर गई। उन्होंने शोक किया और उसके देह को नहलाकर गाड़ने के लिए तैयार किया। फिर उन्होंने उसके शव को ऊपर अटारी पर रख दिया।
याफा में कुछ शिष्यों ने अभी तक तबीता को नहीं छोड़ा था। उन्होंने सुना था कि पतरस लिद्दा में था, और उन्होंने उसे बुलाने के लिए भेजा कि वह जल्द आ जाए। जब पतरस आया, तो वे तुरंत उसे ऊपर ले गए जहां तबीता का शव रखा था।
विधवाएं उसके शव के चारों ओर खड़ी होकर अपनी प्रिय मित्र के लिए विलाप कर रहीं थीं जिसे उन्होंने खो दिया था। उन्होंने पतरस को वह कपड़े दिखाए जो तबीता ने बनाए थे। पतरस ने उन सभी को कमरा छोड़ने के लिए कहा। उसने घुटनों पर आकर यीशु से प्रार्थना की। तब उसने शव की ओर मुड़ कर कहा, "हे तवीता, उठ ।" तवीता ने अपनी आँखें खोली और पतरस को देखा। वह बैठ गई, और उसने उसका हाथ पकड़ कर उसे खड़े होने में मदद की। फिर उसने उसकी सहेलियों को दिखाया कि वह जीवित हो गई है।
यह कितना आश्चर्यजनक होगा कि यदि आपके प्यारे मित्र की मृत्यु हो गई हो और फिर उसे वापस पा लेना! परमेश्वर ने पतरस के द्वारा दिखाया कि किस प्रकार पवित्र आत्मा मृत्यु पर सामर्थी है! आदम और हव्वा के द्वारा सभी मनुष्यों पर जो अभिशाप आया था वह पूर्ववत होना आरंभ हो गया था। एक दिन अभिशाप पूरी तरह से चला जाएगा और फिर कभी कोई मृत्यु नहीं होगी। इस दुनिया के दुख समाप्त हो जाएंगे। पतरस का महान चमत्कार अनंत काल का एक शक्तिशाली, आशावादी संकेत था जो परमेश्वर उन सब को देगा जो यीशु मसीह पर विश्वास करेंगे। हम हमेशा के लिए जीवित रहेंगे! याफा शहर में हर किसी ने सुना कि कैसे तबीता जीवित हो गई थी। हर घर में यह सन्देश फैल गया कि पतरस के वहां आने से पहले किस प्रकार उनकी करुणामय पड़ोसन को नहलाया गया और दफ़न के लिए तैयार किया गया था। फिर भी अब, तवीता हमेशा की तरह स्वस्थ घूम रही थी। बहुतों ने उसके कारण उसकी अद्भुत कहानी को सुना और यीशु पर विश्वास किया!
पतरस ने थोड़ी देर के लिए याफा में रुकने का फैसला किया । वह चमड़े का धंधा करने वाले शमौन नामक व्यक्ति के साथ रहा, जो चमड़े से चीजें बनाता था । यहूदी सामाज में, उनका मानना था कि मृत जानवरों की त्वचा के साथ काम करना एक अशुद्ध, अयोग्य काम था। भले ही हर कोई, चमड़े से बने जूते पहनता था जिसे किसी व्यक्ति ने बनाया था। यहूदी अगुए विशेष रूप से शमौन को तुच्छ मानते थे। वे उसके साथ खाने के लिए एक ही टेबल पर नहीं बैठते थे। उन्होंने उसे कभी अपना दोस्त नहीं माना होगा। पतरस यहूदियों के पुराने पूर्वाग्रहों को अस्वीकार करना सीख रहा था (एनआईबी अध्ययन नोट्स पृष्ठ 1704)। यीशु मरा और फिर से जी उठा। वह एक नई वाचा को लेकर आया था! यीशु ने अपने लहू से पतरस के पापों के लिए भुगतान किया था। उसने शमौन को भी अपने लहू के द्वारा बचा लिया था। वे दोनों जीवित परमेश्वर के लेपालक पुत्र थे! जब परमेश्वर पिता ने शर्मोन को देखा, तो उसने अपने प्यारे पुत्र की धार्मिकता देखी। शमन एक ऐसा व्यक्ति था जिसके हृदय में परमेश्वर की आत्मा वास करती थी। वह हर दूसरे विश्वासी के प्यार और सम्मान के योग्य था! पतरस कलीसिया के प्रमुख शिष्यों में से एक था। वह यीशु के करीबी मित्रों में से एक था। जब शर्मान पतरस के साथ रह रहा था, तो यह शमौन के लिए बहुत बड़े सम्मान की बात थी, और यह यीशु द्वारा दुनिया में नए अनुशासन को लाने की घोषणा थी। यह दिखाता है कि विश्वासी धर्म में, परमेश्वर के लोग पुराने नियम और व्यस्वथा के अब अधीन नहीं थे। यह दिखाता है कि मसीह के परिवार में, प्रत्येक सदस्य मूल्यवान है और वह प्रेम और सम्मान प्राप्त करने के योग्य है।