पाठ 183: फसह
इन तीर्थ पर्वों में फसह का पर्व सबसे पहला था। यह पर्व वो समय को याद दिलाने के लिए था जब यहोवा ने इस्राइलियों को मिस्र की ग़ुलामी से छुड़ाया था। विपत्तियों के बाद, मिस्र के फिरौन ने परमेश्वर के लोगों को जाने से मना कर दिया था। अंत में, उसने मिस्र के सभी पहलौठे पुत्रों की जान लेने के लिए एक दूत को भेजा। कई साल पहले, फिरौन ने बड़ी बेदर्दी से बच्चों को मारने के लिए इस्राइलियों को मजबूर किया था। यहोवा ने फिरौन को बहुत मौके दिए थे, लेकिन उसका हृदय कठोर बना रहा। सो यहोवा ने एक भयानक रात को मिस्र के लोगों के सभी पहलौठे पुत्रों को नष्ट करने के लिए यहोवा के दूत को भेजा। यह कितना घोर अंधकार के समान और दुखित समय रहा होगा। लेकिन यहोवा ने अपने लोगों को उस मौत से बचाया। जो कोई भी अपने चौखट पर एक बेदाग भेड़ के बच्चे के रक्त को लगाता था, वह सुरक्षित हो जाता था। प्रभु का दूत उनके घर के पास से गुज़रेगा, और कोई मौत उनके बच्चों पर नहीं आएगी।
मिस्र के घरों में उस रात बहुत रोना और विलाप करना हो रहा था। सभी पहलौठे पुत्रों की मृत्यु हो गई। फिरौन का बेटा भी मर गया, और उस दुःख में, उसने इस्राइलियों को जाने दिया। मिस्र के लोग विपत्तियों और मृत्यु से इतना थक चुके थे, की उन्होंने इस्राइलियों को सोना और चांदी के उपहार देकर विदा किया।
फसह परमेश्वर के लोगों के लिए एक महान दिन था, और उन्हें एक बड़ी दावत के साथ हर साल उसकी मुक्ति को याद करना था। यह लगभग मार्च और अप्रैल के महीने में होता था, जो ठीक वही समय था जब पहली बार फसह मनाया गया था। उन्हें अपने पशुओं में से एक पशु को ढूंढना था, और उसे मंदिर में उस स्थान में लेकर आना था जो यहोवा अपने नाम से निर्धारित करेगा। इस्राएल के सब लोग आते, और पहली शाम को, इस्त्राएलियों को उस पशु के बलिदान को उसी दिन करना था जिस दिन वे वादे के देश के लिए निकले थे, और उसके साथ उन्हें अपने परिवार के साथ भोज करना था। होमबलि का धुआँ उन्हें यह स्मरण दिलाएगा की किस प्रकार एक बलिदान द्वारा उन्होंने परमेश्वर के उद्धार को पाया था (ओटी डेसमंड सिकंदर का एक शब्दकोश, पृष्ठ 310)।
सात दिनों के लिए इस्राएलियों को खमीर के बिना रोटी को खाना था। खमीर रोटी को हल्का और रोएँदार बनाता है। आटे में खमीर मिलाने के बाद आटे को रोएँदार बनने के लिए समय लगता है। जब इस्त्राएलियों ने मिस्र छोड़ा, आटे के खमीर होने तक उनके पास समय नहीं था, इसलिए उन्होंने केवल चपटी और कुरकुरी रोटी खायी। उस दिन के स्मरण के लिए, इस्राएलियों को केवल चपटी खमीर के बिना रोटी को खाने की अनुमति दी गई थी। यह फसह के उत्सव के पूरे सात दिनों तक चलती थी। पर्व के अंतिम दिन पर, पूरे देश को यहोवा के सामने एकत्रित होना था। यह पर्व का दिन था, और उन्हें कोई काम करने की अनुमति नहीं थी।
फसह का पर्व उस समय को स्मरण करने के लिए था जब यहोवा ने उन्हें मुक्ति दिलाई थी और आशीर्वाद के रूप में उन्हें अच्छी फसल दी। परमेश्वर ने ना केवल इस्त्राएलियों को मिस्र से बाहर निकाला था, वह उन्हें वादे के देश में भी लेकर आया।