पाठ 62 : पिलानेहारा और पकानेहारा
यूसुफ ने कई सालों जेल की काल कोठरी में बिताया। फिर भी वह ईमानदारी और वफ़ादारी के साथ परमेश्वर की सेवा करता रहा। उसकी पीड़ा के बीच में उसका परमेश्वर उसके साथ था, और उसे यह भरोसा था की उसके लिए परमेश्वर की कोई योजना अवश्य थी। वह जानता था की "हसद" जो यहूदी भाषा में प्रेम को कहा जाता है, इसी प्रेम से परमेश्वर उससे प्रेम करते थे। जिनके साथ वह अपनी वाचा को बांधता है, परमेश्वर उन पर अपनी शक्तिशाली, वफ़ादार, और दयालु प्रेम को दिखाता है। परमेश्वर युसूफ की आवश्यकता के समय पर उसके प्रति प्रतिबद्ध थे, और यूसुफ को भरोसा था की परमेश्वर अपने वादे को रखेंगे।
परमेश्वर ने उसे जेल के प्रबंधक के साथ उसका पक्ष लेने के लिए दिया, और जल्द ही यूसुफ को अन्य सभी कैदियों के ऊपर अधिकार दिया गया। यह उसे आशीर्वाद देने के लिए परमेश्वर की योजना का एक हिस्सा था। यूसुफ जब जेल में था, परमेश्वर ने उसे एक उल्लेखनीय अवसर दिया। यूसुफ को अपने भाइयों द्वारा गुलामी में बेचने के बाद दस साल बीत चुके थे। मिस्र के राजा के दो अधिकारियों ने फिरौन को नाराज़ कर दिया था। वे परीक्षण के लिए जेल में फेंक दिए गए थे। उनमें से एक उसका मुख्य पिलानेहारा था, और दूसरा उसका मुख्य पकानेहारा था। ये वे लोग थे जो राजा के खाने पीने पर ध्यान करते थे, और इसलिए वे महत्वपूर्ण पदों पर थे। राजा ने अपने जीवन को उनके हाथों में रख दिया था। मिस्र के कई शक्तिशाली लोग राजा के प्रभाव के लिए इंतज़ार करते थे और उसे हासिल करने की साजिश रचते थे। ज़हर एक रास्ता था जिसके द्वारा वे फिरौन को हटा सकते थे। प्रति दिन फिरौन को अपने मुख्य पकानेहारे और पिलानेहारे की वफ़ादारी पर भरोसा करना होता था।
यूसुफ राजा के परीक्षण के लिए इंतजार कर रहे क़ैदियों पर नज़र रखता था। एक रात, उन दोनों ने एक रहस्यमय सपना देखा। अगले दिन, वे अपने सपनों के मतलब को लेकर परेशान थे। उन दिनों में, सपनों को बहुत महत्वपूर्ण समझा जाता था। वे यह मानते थे की सपने अक्सर आने वाली बातों के विषय में बताते हैं। वे भविष्य के सपने थे।
यूसुफ को पिलानेहारे और पकानेहारे के ऊपर जिम्मेदारी सौंपी गई थी। यूसुफ ने देखा कि दोनों व्यक्ति परेशान थे। यूसुफ ने पूछा, “आज तुम लोग इतने परेशान क्यों दिखाई पड़ते हो?” युसूफ को उनका ख्याल था जिन्हें उसके आधीन रखा गया था।
उन्होंने उसे बताया कि उन्हें सपने आये, लेकिन इनका व्याख्या करने के लिए कोई नहीं था। यूसुफ जानता था किसपने परमेश्वर की ओर से थे, और वह परमेश्वर का सेवक था, तो उसने उनसे पुछा, "'क्या व्याख्याएं परमेश्वर की ओर से नहीं हैं? मुझे अपने सपनों को बताओ।'"
आप देखिये, यूसुफ और उसका परिवार परमेश्वर के साथ एक विशेष, वाचा के संबंध में था और उसे विशेष रूप से जानते थे। परमेश्वर सभी निर्माण और सभी मानवता के ऊपर प्रभु था। वही परमेश्वर जो इब्राहीम के वंशज का वफ़ादार वाचा का भागीदार के रूप में था, वही परमेश्वर मिस्र के देश पर राज कर रहा था। इन मिस्र कैदियों कि सेवा के लिए युसूफ अपने परमेश्वर कि ओर जा सकता था।
इसलिए पहले पिलानेहारे ने यूसुफ को अपना सपना बताया। “मैंने सपने में अँगूर की बेल देखी। उस अंगूर की बेल की तीन शाखाएँ थीं। मैंने शाखाओं में फूल आते और उन्हें अँगूर बनते देखा। मैं फ़िरौन का प्याला लिए था। इसलिए मैंने अंगूरों को लिया और प्याले में रस निचोड़ा। तब मैंने प्याला फ़िरौन को दिया।”
(उत्पत्ति 40: 9-11)
यूसुफ के पास इस सपने के लिए एक अद्भुत व्याख्या थी। उसने कहा कि तीन दिन के भीतर, फिरौन ने कहा कि वह मुख्य पिलानेहारा को वापस उसके काम से उसे बहाल करेगा। वह अपने पहले वाले सम्मान की स्थिति को वापस पाएगा। पिलानेहारा को कितनी ख़ुशी और राहत मिली होगी! जब यूसुफ को यह एहसास हुआ की परमेश्वर राजा की अदालत में पिलानेहारा को वापस बुलाएगा, उसने उसे स्मरण रखने को कहा। उसने पिलानेहारे से कहा कि वह राजा से विनती करे की उसे जेल से बहार निकाल दे। उसने उसे समझाया किउसे दूर एक देश से गुलामी कराई गई और उसने ऐसा कुछ भी नहीं किया था कि उसे जेल में डाला जाये।
जब मुख्य पकानेहारे ने पिलानेहारे के सपने का व्याख्या सुना तो उसने भी यूसुफ से अपने सपने के व्याख्या करने को कहा। शायद उसके लिए भी अच्छी खबर हो सकती थी। लेकिन पकानेहारे ने युसूफ को पहले ही अपना सपना क्यूँ नहीं बताया? कुछ ऐसा मानते हैं की शायद पकानेहारा अपने आप को दोषी मानता था और अपने सपने का अर्थ नहीं जानना चाहता था। उसने कुछ गलत किया था, और वह जानता था किवह सज़ा के लायक है। किसी तरह, पिलानेहारा के सपने के सुखद अंत को सुनकर उसका मन बदल गया। उसने कहा:
"'मैंने भी सपना देखा। मैंने देखा कि मेरे सिर पर तीन रोटियों की टोकरियाँ हैं। सबसे ऊपर की टोकरी में हर प्रकार के पके भोजन थे। यह भोजन राजा के लिए था। किन्तु इस भोजन को चिड़ियाँ खा रही थीं।'”
यह कितना उत्सुक एक सपना है। पकानेहारा ने फिरौन की रोटी से उन लालची पक्षियों को क्यूँ नहीं भगाया था? उसने क्यूँ नहीं फिरौन को संरक्षित किया? इस सपने का यूसुफ की व्याख्या पहले वाले की तरह उतनी सुखद नहीं थी। उसने कहा कि तीन टोकरी तीन दिन का प्रतीक थे। उस समय, फिरौन एक पेड़ से उसे फांसी देकर उसके कंधों से उस के सिर को उठा देगा। पकानेहारे को सबसे अपमानजनक तरह की मौत कि सज़ा सुनाई जाएगी। उसे अपने अपराध का दोषी ठहराया जाएगा, और जनता के देखने के लिए उसकी लाश को बाहर लटका दिया जाएगा ताकि सब यह जान सकें कि जो कोई भी राजा के साथ विश्वासघात करेगा उसका यही अंजाम होगा।
फिरौन के जन्मदिन से तीन दिन पहले ही यूसुफ ने सपने का व्याख्या किया था। राजा ने एक विशाल भोज दिया और अपने सभी अधिकारियों को आमंत्रित किया। उसने अपने प्रमुख पिलानेहारा और मुख्य पकानेहारे को सबके सामने प्रस्तुत किया। जैसा कि यूसुफ ने कहा था, उसे वापस से फिरौन को उसकी शराब परोसने का काम मिल गया। मुख्य पकानेहारा को मृत्यु दंड मिली। उनके सपनों का सही व्याख्या करने के लिए परमेश्वर ने यूसुफ कि सहायता की।
पिलानेहारा ने वादा किया था कि एक बार वह बहाल किया जाएगा तो वह यूसुफ की मदद करेगा, लेकिन वह बड़ी लापरवाही से भूल गया। यह भयानक अकृतज्ञता को दिखाता है। उसके ठंडेपन के कारण युसूफ को जेल में ही रहना पड़ा। फिर भी, यूसुफ बड़ी वफ़ादारी के साथ परमेश्वर कि सेवा करता रहा। अपने भविष्य के बारे में बगैर जाने वह परमेश्वर पर भरोसा करता रहा। एक दिन, परमेश्वर के सही समय में, जेल के बंद दरवाज़े, राजा के महल के दरवाज़े युसूफ के लिए खुल जाएंगे।
परमेश्वर कि कहानी पर ध्यान करना।
जेल में कष्ट उठाने पर भी यूसुफ परमेश्वर कि सेवा करता रहा! उसका भविष्य कितना निर्जन लग रहा होगा। फिर भी परमेश्वर ने यूसुफ को सपनों की व्याख्या करने की क्षमता दे दी, और वह अपने साथी कैदी की सेवा करने के लिए उनका प्रयोग करेगा। फिर भी परमेश्वर ने युसूफ को स्वयं के सपने भी दिए। उसके सपनों से यह प्रतीक होता था की वह अपने परिवार का नेतृत्व करेगा। युसूफ को यह अजीब लगा होगा क्यूंकि वह जेल में था। क्या आपके कोई सपने हैं जो आपको लगता है कि वे पूरे होने के लिए असंभव हैं?
मेरी दुनिया, मेरे परिवार, और स्वयं पर लागू करना।
क्या ऐसी कोई बात है जो परमेश्वर ने आपसे कही हो और वह कुछ समय बाद कहीं खो गई? वे क्या हैं? एक परिवार के रूप में प्रत्येक के लिए प्रार्थना कीजिये। एक दूसरे पर विश्वास करें और एक दूसरे को प्रोत्साहित करते रहें!
क्या आप परमेश्वर को ऐसे किसी व्यक्ति के जीवन में काम करते देखते हैं जिससे आप प्रेम करते हैं? आपको उनके लिए किसी भी प्रकार की उम्मीद है? उन्हें बताएँ। क्या आप उन्हें परमेश्वर द्वारा दिखायीं बातों के लिए उनकी सहायता कर सकते हैं कि वे विश्वास के साथ आगे क़दम बढ़ाएं?
हमारे जीवित परमेश्वर के प्रति हमारा प्रत्युत्तर।
परमेश्वर ने वचन में कहा कि जब यीशु स्वर्ग में गए, उन्होंने उन सभी को आत्मिक दान दिये जो उस पर विश्वास करते थे। आपका आत्मिक दान क्या है? क्या आप दया या आतिथ्य दिखाना पसंद करते हैं? क्या आपके पास शिक्षण या उपदेश या लोगों को मुक्ति की ओर लाने का दान है? क्या आप आयोजन करने में और नेतृत्व करने में अच्छे हैं? दूसरों के लिए प्रार्थना करने के लिए क्या परमेश्वर ने आपको शक्तिशाली विश्वास या सामर्थ दी है? क्या आप सेवा करना पसंद करते हैं?
प्रभु यीशु चाहते हैं कि इन दानों को परमेश्वर के राज्य के लिए अच्छी तरह से उपयोग करें! वो चाहता है की कलीसिया की बढ़ौतरी के लिए हम इनका इस्तेमाल करें। लेकिन वह चाहता है की हम उसे परमेश्वर की आत्मा की सामर्थ के द्वारा प्रयोग करें। यह हमारे स्वयं के गौरव या कोशिश से नहीं हो सकता है। यदि आप चाहें तो, यह प्रार्थना कर सकते हैं जो, एक प्रकार से संकेत के रूप में परमेश्वर को देने का दान होगा:
प्रभु यीशु, मैं आप की स्तुति करता हूँ। आप सारे सृष्टि के प्रभु हैं, और आप मेरे पूरे जीवन के परमेश्वर हैं। मेरी प्रार्थना है की अपनी पवित्र आत्मा के आशीर्वाद से मुझे सशक्त बनाएं। मैं एक जीवित बलिदान रूप में अपने शरीर को प्रदान करता हूँ। मैं अपने सभी उपहार और प्रतिभा और क्षमता को आपके पास लाता हूँ, और उन्हें चरणों पर रखता हूँ। मैं उन सभी के लिए आपका धन्यवाद करता हूँ। मेरी प्रार्थना है किआप इन्हें शुद्ध करें ताकि आपकी महिमा के लिए इन्हें इस्तेमाल कर सकूँ। आपके अच्छे और मनभावन और सही इच्छा को समझने के लिए मेरे मन को नवीनीकृत कीजिये। यीशु मसीह के नाम से प्रार्थना करता हूँ।