पाठ 36 : इब्राहीम और अबीमेलेक
सदोम और अमोरा के न्याय पर परमेश्वर का सामर्थी हाथ पड़ने के बाद, इब्राहिम नेगेव को चला गया। जब तक वह वहां था उसने लोगों को बताया था की सारा उसकी बहन थी। एक बार फिर, वह भयभीत हुआ की उसकी पत्नी कि खूबसूरती देखकर वहां के लोग उसके साथ बुरा व्यवहार करेंगे। एक बार फिर, उसने अपनी पत्नी को खतरे में डाल दिया। इब्राहीम के विश्वासघाती होने के बावजूद, परमेश्वर अपने वादों में और उसके साथ वफ़ादार बने रहेंगे।
गरार के शहर के राजा ने जब सारा को देखा, वह उसे अपना बनाने के लिए अपने साथ ले गया। वह यह समझ नहीं पाया की वह एक महान पाप कर रहा था। परमेश्वर ने स्वप्न में अबीमेलेक को चेतावनी दी। उन्होंने कहा, "तुम मर जाओगे। जिस स्त्री को तुमने लिया है उसका विवाह हो चुका है।”
लेकिन अबीमेलेक अभी सारा के साथ नहीं सोया था। इसलिए अबीमेलेक ने कहा, “हे यहोवा, मैं दोषी नहीं हूँ। क्या तू निर्दोष व्यक्ति को मारेगा। इब्राहीम ने मुझसे खुद कहा, ‘यह स्त्री मेरी बहन है’ और स्त्री ने भी कहा, ‘यह पुरुष मेरा भाई है।’ मैं निर्दोष हूँ। मैं नहीं जानता था कि मैं क्या कर रहा हूँ?”
तब परमेश्वर ने अबीमेलेक से स्वप्न में कहा, “हाँ, मैं जानता हूँ कि तुम निर्दोष हो और मैं यह भी जानता हूँ कि तुम यह नहीं जानते थे कि तुम क्या कर रहे थे? मैंने तुमको बचाया। मैंने तुम्हें अपने विरुद्ध पाप नहीं करने दिया। यह मैं ही था जिसने तुम्हें उसके साथ सोने नहीं दिया। इसलिए इब्राहीम को उसकी पत्नी लौटा दो। इब्राहीम एक नबी है। वह तुम्हारे लिए प्रार्थना करेगा और तुम जीवित रहोगे किन्तु यदि तुम सारा को नहीं लौटाओगे तो मैं शाप देता हूँ कि तुम मर जाओगे। तुम्हारा सारा परिवार तुम्हारे साथ मर जाएगा।”
इसलिए दूसरे दिन बहुत सबेरे अबीमेलेक ने अपने सभी नौकरों को बुलाया। अबीमेलेक ने सपने में हुईं सारी बातें उनको बताईं। नौकर बहुत डर गए। तब अबीमेलेक ने इब्राहीम को बुलाया और उससे कहा, “तुमने हम लोगों के साथ ऐसा क्यों किया? मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा था? तुम ने यह झूठ क्यों बोला कि वह तुम्हारी बहन है। तुमने हमारे राज्य पर बहुत बड़ी विपत्ति ला दी है। यह बात तुम्हें मेरे साथ नहीं करनी चाहिए थी। तुम किस बात से डर रहे थे? तुमने ये बातें मेरे साथ क्यों कीं?”
अबीमेलेक और उसके लोग विवाह को बहुत ऊँचें स्तर से देखते थे। इब्राहीम और सारा के बीच शादी के वाचा का उल्लंघन करना बहुत भयानक था। इतनी जल्दी कैसे इब्राहिम अपनी पत्नी को दे सकता था?
इब्राहीम ने अबीमेलेक को समझाया कि उसने नहीं सोचा था की उसके लोग परमेश्वर का भय मानते थे। उसने कहा कि उसे डर था की सारा को पाने के लिए वे उसे मार देंगे। उसने बताया की उसने सारा से कहा कि वह उसके साथ उस तरह का प्रेम दिखाए जैसे कि एक भाई के साथ किया जाता है।
यह आंशिक रूप से सही था। सारा इब्राहीम के पिता की बेटी थी, लेकिन वे अलग माताओं से थे। उन दिनों में, एक परिवार के भीतर शादी करना अपने बच्चों के लिए प्रदान करना और उनकी रक्षा करने का एक तरीका था। एक तरह से, इब्राहीम यह दर्शा रहा था की उसे विश्वास था कि उसने परमेश्वर की रक्षा पर भरोसा नहीं किया। वह अपने जीवन को बचाने का कोई और रास्ता खोज रहा था। एक बार फिर, उसने वाचा को खतरे में डाल दिया था। सारा परमेश्वर के पुरोहित राष्ट्र की माँ बनने को चुनी गई थी, लेकिन एक बार फिर वह एक विदेशी राजा के अन्त: पुर में रह रही थी!
अबीमेलेक ने इब्राहीम को सारा को लौटा दिया। कुछ मायनों में, वह सारा के लिए अब्राहम से ज़्यादा सुरक्षात्मक था। फिर उसने अब्राहम को भेड़ और पशु, दास और दासियाँ दीं, और उसे पहले भूमि चुनने की पेशकश की। वह गरार में जहां चाहे रह सकता था। और सारा के लिए, उसने अपने अन्त: पुर में उसकी पत्नी को ले जाने के अपराध में इब्राहिम को धन के रूप में एक हजार चांदी के सिक्के दिए। यह एक अत्यधिक धन था। इससे एक पूरे वर्ष के लिए एक सौ मजदूरों का भुगतान हो सकता था। उसकी गरिमा के उल्लंघन के लिए उसकी पूरी तौर से पुष्टि हो गई।
अब्राहम ने अबीमेलेक को बहुत ग़लत समझा। वह और उसके लोग परमेश्वर से डरते थे और उसकी तब सुनते थे जब वह स्वप्न में प्रकट हुआ। ये लोग सदोम और अमोरा से कितने भिन्न थे! कैसे जल्दी से उन्होंने पश्चाताप किया!
परमेश्वर ने जैसा कहा, अब्राहम ने अबीमेलेक और उसके परिवार के लिए प्रार्थना की। अबीमेलेक के स्वप्न के अनुसार, एक प्रकार के अभिशाप के रूप में, परमेश्वर ने अबीमेलेक के परिवार की सभी स्त्रियों को बच्चा जनने के अयोग्य बनाया। लेकिन इब्राहीम ने परमेश्वर से प्रार्थना की और परमेश्वर ने अबीमेलेक, उसकी पत्नियों और दास—कन्याओं को स्वस्थ कर दिया।
इब्राहीम विश्वास में विफल रहा। जब हम अपने डर के बीच में इस धर्मी व्यक्ति के दिल को देखते हैं, हम समझ पाते हैं की वह भी एक सामान्य मनुष्य था। सभी महान, साहसी कार्य एक ऐसे मनुष्य द्वारा हुए जिसे मृत्यु का भय था और वह शांति को चाहता था। उन सभी कहानियों से यह साबित होता है की इब्राहीम अपने दिल की वैराग्य में भय के ऊपर विश्वास को चुनना चाहता था। और परमेश्वर पर भरोसा करने के उसके सभी शांत निर्णयों को परमेश्वर जानता था। उसने सभी को तोल कर देखा और पाया की इब्राहिम तेजस्वी विश्वास वाला एक सिद्ध मनुष्य था। परमेश्वर दयालु प्रभु है, और उसने अपने सेवक से वादे किए थे। वह उसके परीक्षणों और असफलताओं के बीच में, इब्राहिम को उनमें से निकाल ले आएगा।
परमेश्वर कि कहानी पर ध्यान करना।
इब्राहीम कि कहानी में, परमेश्वर ने हमें विश्वास के जीवन का एक कीमती आदर्श दिया। इब्राहीम ने परमेश्वर के लिए कई महान जोखिम उठाये थे। उसने आज्ञा का पालन करने के लिए सब कुछ छोड़ दिया। फिर भी, खतरों का सामना करने पर परमेश्वर पर भरोसा करना यह धर्मी मनुष्य के लिए कठिन हो जाता था। अब्राहम ने पहले ही मिस्र में यह गलती की थी। हम सब के लिए किसी ना किसी क्षेत्र में परमेश्वर पर भरोसा करना कठिन हो जाता है। क्या आपके जीवन का कोई ऐसा क्षेत्र है जहां परमेश्वर पर भरोसा करना कठिन है?
मेरी दुनिया, मेरे परिवार, और स्वयं पर लागू करना।
परमेश्वर हमें चुनता है और अपने पास बुलाता है, लेकिन उसके अथक प्रेम की प्रतिक्रिया करने के लिए हम जिम्मेदार हैं। वह चाहता है कि हम उसकी योजनाओं पर विश्वास करें। वो हमारे विश्वास और भरोसे को चाहता है।
अब्राहम परमेश्वर का सेवक था। परमेश्वर ने उसके साथ वाचा को बांधा था। इब्राहीम विफल रहा है, तब भी वह परमेश्वर कि वाचा में भरोसा कर सकता था। उसकी कमजोरी के बीच में भी परमेश्वर उसकी रक्षा करेंगे और उसे सही राह पर लाने के लिए उसकी अगुवाई करेंगे।
क्या आपने कभी गलत निर्णय लिया है, लेकिन फिर भी परमेश्वर ने आपकी रक्षा की है? क्या आप अब भी यीशु पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं? आज आप विश्वास के साथ यीशु को क्या देंगे?
जीवित परमेश्वर के प्रति हमारा प्रत्युत्तर।
इस कहानी में, परमेश्वर ने अबीमेलेक के सपने के द्वारा इब्राहीम के जीवन में काम किया। परमेश्वर हमारे जीवन में प्रार्थना के माध्यम से भी कार्य करता है। प्रेरित पौलुस ने इफिसुस कि कलीसिया के लिए एक प्रार्थना लिखी, और उसे उसने उन्हें भेज दिया ताकि वे जान सकें वह उनके लिए किस प्रकार प्रार्थना करता है। उसका प्रेम उनके लिए यीशु के प्रेम के समान था। परमेश्वर भी चाहता है कि हम एक दूसरे से इसी प्रकार प्रेम करें। आप अपने परिवार या कलीसिया के लिए इस प्रार्थना को करना चाहेंगे? रिक्त स्थानों में नाम भरें। तब किसी को यह प्रार्थना करने को कहें। याद रखें, यह सिर्फ एक अनुष्ठान नहीं है, आप अपने प्रेमी पिता से बात कर रहे हैं और वह सुनता है और प्रसन्न होता है!
इफिसियों 1: 17-21a
"मैं प्रार्थना किया करता हूँ कि हमारे प्रभु यीशु मसीह का परमेश्वर_____विवेक और दिव्यदर्शन की ऐसी आत्मा की शक्ति प्रदान करे जिससे______उस महिमावान परम पिता को जान सको। मेरी विनती है कि______हृदय की आँखें खुल जायें और_____प्रकाश का दर्शन कर सको ताकि तुम्हें पता चल जाये कि वह आशा क्या है जिसके लिये तुम्हें उसने बुलाया है। और जिस उत्तराधिकार को वह अपने सभी लोगों को देगा, वह कितना अद्भुत और सम्पन्न है। तथा हम विश्वासियों के लिए उसकी शक्ति अतुलनीय रूप से कितनी महान है। यह शक्ति अपनी महान शक्ति के उस प्रयोग के समान है, जिसे उसने मसीह में तब काम में लिया था जब मरे हुओं में से उसे फिर से जिला कर स्वर्ग के क्षेत्र में अपनी दाहिनी ओर बिठाकर सभी शासकों, अधिकारियों, सामर्थ्यों और प्रभुताओं तथा हर किसी ऐसी शक्तिशाली पदवी के ऊपर स्थापित किया था, जिसे न केवल इस युग में बल्कि आने वाले युग में भी किसी को दिया जा सकता है।"