पाठ 29 : पूर्व समय से अजीब रहस्य: वाचा की मुहरबन्दी
परमेश्वर ने जब अब्राम को अपने घर को छोड़ कर वादे के देश में जाने को कहा, उसने उसके साथ कुछ शर्तें भी दीं। यदि अब्राम आज्ञा मानता है, तो परमेश्वर उसे अशिक्षित करेंगे। अब्राम ने आज्ञा का पालन किया। वह अपनी बाँझ पति को लेकर एक अज्ञात जगह को निकल पड़ा। उसने पूरी तरह से पीछे के जीवन को छोड़ दिया और परमेश्वर के वादों पर सम्पूर्ण विश्वास किया। समय के साथ, अब्राम ने नए और महान तरीकों से परमेश्वर पर अपने विश्वास को साबित किया। उसने बुतपरस्त, मूर्तिपूजक जगह के बीच में रहकर भी एक पवित्र जीवन जीया, और परमेश्वर से उन आशीषों को पाने की प्रतीक्षा की।और परमेश्वर उसके पास अपनी वाचा को लेकर आया, केवल इस बार कुछ बदलाव थे। अब परमेश्वर ने अपनी वाचा को बिना किसी शर्त के बांधा। अब्राम का विश्वास टिक गया, और परमेश्वर ने उसे आश्वासन दिया की चाहे कुछ भी हो जाये उसके वादे पूरे होंगे। आसमान में तारों से ज़्यादा वह उसे वंश देगा और उन्हें कनान का देश भी दे देगा। फिर भी अब्राम अभी भी अनिश्चित था। वह कैसे जान सकता था कि परमेश्वर उसे वो भूमि देंगे?
उसको जवाब देने के लिए, परमेश्वर ने उसे एक गाय, एक बकरी और एक मेढ़ा, एक कबूतर और एक युवा कबूतर लाने को कहा। क्या आप को यह अजीब उत्तर लगता है? क्यों पालतू जानवर ही लाने थे?
जब हम बाइबिल पढ़ते हैं, हमें हमेशा मानव इतिहास के समय को याद रखना है। हम अपने से दूर अलग एक दुनिया में वापस उस समय के माध्यम से पहुंच रहे हैं। अक्सर जो हम पढ़ते हैं, वो हमें रहस्यमय और अजीब लग सकता है। कहानी को समझने के लिए, हमें उस दुनिया की कल्पना करनी होगी। तो आइये कोशिश करते हैं।
सब कुछ बहुत शांत था। ये बिजली, कारों, और हवाई जहाज से पहले के दिन थे। ये वो समय था जब टीवी या रेडियो, इंजन या तेज़ बजते हॉर्न या टेलीफोन नहीं थे। उन्हें केवल अपनी भेड़ और गल्ले की शांत आवाज़ें और हवा के बहने और नदियों की खनक की आवाज़ें आती थीं। पानी में कपड़े धोते समय महिलाओं के गाने कि आवाज़ें थीं। अपना काम करते समय पुरुषों की चर्चाएं और बुलाने की आवाज़ें थीं। कोई फोटो या चित्र नहीं थे। केवल एक ही व्यक्ति जो उनके ही गांव या शहर का था उसी को वे जीवन भर जान पाते थे। कोई भी आगंतुक उनके लिए एक महान जिज्ञासा बन जाता था। एक नया चेहरा देखने को मिल जाता था!
प्रकृति उनकी कलाकृति थी। सारी सृष्टि की सुंदरता ने उनके जीवन को भर दिया था। यह एक साधारण दुनिया थी, लेकिन वह उसमें एक गहरायी भी थी। वे हर रोज़ वही खाना एक गहरे आभार के साथ खाते थे जिसे हम नहीं समझ सकते। उन दिनों में, वे जानते थे की अकाल क्या होता है। ज़्यादातर परिवार हफ्तों और महीनों कम से कम एक या दो समय के सत्रों से गुज़रते थे। वे मौसम में बदलाव के बारे में जानते थे और यह उनके स्वयं के अस्तित्व पर एक तत्काल प्रभाव पड़ता था। यह कृतज्ञता की उनकी भावना को मजबूत करता था और प्रचुर मात्रा में अपने भोजन को पाने की खुशी को दर्शाते थे।
परमेश्वर ने जब आने वाली आशीषों को अब्राम को सितारों के माध्यम से समझाया, तो उसके विश्वास को प्रेरित करने के लिए उसे सबसे शानदार और कमाल के दृश्य का उपयोग किया। मनुष्य ऐसे चमकदार रात की सुंदरता को कभी रंग नहीं पाएंगे। यह उनकी रात्रि महिमा थी।
अब परमेश्वर अब्राम के विश्वास को मज़बूत करने के लिए प्रतीक के रूप में जानवरों का उपयोग करेंगे।इब्राहीम के समय में, मानव समाज जीवित रहने के लिए पशुओं पर निर्भर थे। हर परिवार के लिए, प्रत्येक प्राणी उनके घर के लिए एक मूल्य और सुरक्षा को लाता था। उनके जीवन जानवरों की रक्षा और देख भाल में सुनिश्चित थे। जब उनके लिए अधिक चरागाह की जरूरत होती थी वे वहां से दूसरी जगह चले जाते थे। वे विशेष ध्यान रखते थे की उन्हें डाकुओं और चोरों से बचा कर ले जाएं।
अब्राम के समय के लोग अपनी सुरक्षा के लिए पशुओं के करीब रहते थे। वे रात को अपनी भेड़ों और बकरियों को सुनते थे और दिन में अपनी गायों और बकरियों से दूध पिया करते थे। वे अपने सैंडल और स्वेटर खरीदने के लिए किसी दुकान में नहीं जाते थे। जो जानवर उनके पास होते थे उनसे वे खुद के कपड़े बनाने के लिए चमड़े और ऊन का इस्तेमाल करते थे। मांस खरीदने के लिए वे किसी दूकान में नहीं जाते थे। जब कोई बलि भेंट चढ़ाई जाती थी तब उस समय वे मांस खाया करते थे। यह एक असमान्य ज्योनार था, जो उस वर्ष को सम्बोधित करता था।
हर मांस जो वे खाते थे वह उनके पाले हुए जानवर का होता था जिसे वे पाल पोस कर उन्हें स्वस्थ करते थे। उनके पालतू जानवर उनके लिए प्रावधान करते थे। इन प्राणियों का बहुत मूल्य था क्यूंकि वे मानवता को जीवन के आनंद और आवश्यकताओं को प्रदान करते थे। वे परमेश्वर कि ओर से उपहार थे, और उन्हें उन चीजों को उपलब्ध कराना था। अब्राम के समय के लोगों के लिए, मांस का बलिदान अधिक अर्थ और मूल्य रखते थे जो हमारी समझ से परे है।
अब्राम के समय के समाज में, जानवरों का बहुत मूल्य था और यदि उनकी हत्या करनी भी हो तो उसे बहुत सोच समझ कर और सावधानी से किया जाता था। आमतौर पर ऐसा केवल उनके देवताओं को समर्पित करने के लिए उन उच्च और पवित्र क्षणों के लिए किया जाता था। कभी कभी वे दावतों के लिए इस्तेमाल किये जाते। कभी कभी ऐसा तब होता था जब उन्हें एक महान संधि जो एक राजा और एक अन्य राजा के बीच, या एक राजा और उसकी प्रजा के बीच बनानी होती थी। पशु बलि की भेंट एक उच्च महत्व को दिखाता था। परमेश्वर ने अब्राम को एक गाय, एक बकरी और एक मेढ़ा, एक कबूतर और एक युवा कबूतर लाने को कहा था। परमेश्वर और उसके चुने हुए सेवक के बीच की महान वाचा को स्मरण करने के लिए पशु बलि के लिए इन जानवरों का उपयोग किया जाता था।
परमेश्वर कि कहानी पर ध्यान करना।
परमेश्वर ने जब इब्राहीम के साथ अपनी वाचा बनायीं, तब परमेश्वर ने पशु के बलि को उचित प्रतीक चुना। परमेश्वर में धार्मिकता उसकी आज्ञाओं की धार्मिकता उसके समय और तरीके से प्रतिक्रिया करता है। कोई ऐसी बात जो परमेश्वर ने अब्राम से करने को कही जो आपको पसंद आई या नहीं?
मेरी दुनिया, मेरे परिवार, और स्वयं पर लागू करना।
यीशु जब दुनिया में आया, वह एक सही बलिदान था। उसके कीमती खून से, हम सब ने चंगाई पाई है। परमेश्वर हमें जानवरों का बलिदान करने को नहीं कहता है। जब हम यीशु के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाना चाहते हैं, तो हमारी आज्ञाकारिता अब्राम से भिन्न होती है। क्यूंकि यीशु ने पहले से ही कीमत चुका दी है, हमें उसके बेटे बेटियां बनना है और "अपने मुँह से यह अंगीकार करना है की यीशु ही प्रभु है।" क्या आपने यीशु पर विश्वास किया है? क्या आपने अपने जीवन से उस पर विश्वास किया है?
परमेश्वर के प्रति हमारा प्रत्युत्तर।
यदि आपने प्रभु यीशु को अपना उद्धारकरता नहीं स्वीकार किया है, और आप करना चाहते हैं, तो आप इस प्रार्थना कि सहायता से यीशु के पास आ सकते हैं:
"प्रिय यीशु, मैं जानता हूँ कि मैंने अपने जीवन के द्वारा आपके विरुद्ध पाप किया है। मैं मानता हूं कि आप पूरी तरह से पवित्र और धर्मी हैं और आपने क्रूस पर मृत्यु द्वारा पाप कि कीमत चुका दी है और फिर से जी उठे। मैं मानता हूँ की मैंने पाप किया है। मैंने आपको अपमानित किया है, और मैं पश्चाताप करता हूँ। मैं उन बातों से दूर होना चाहता हूँ जिससे आपका अनादर होता है, और मैं मेरी आशा के रूप में यीशु मसीह की धार्मिकता को पहन लेता हूँ। प्रभु यीशु मुझे माफ कर दीजिए। मेरे पापों के लिए मरने के लिए आपका धन्यवाद।"