पाठ 56 मसीह की सामर्थ

पौलुस और सीलास और लूका फिलिप्पी में थे, और उन सभी को मसीह का सुसमाचार सुना रहे थे जो सुनना चाहते थे। एक दिन, जब वे लोग उस स्थान पर जा रहे थे जहां उन्होंने प्रार्थना की थी, वे एक लड़की के पास आए जो एक दासी थी। इस लड़की में वह दुष्ट आत्मा थी जो भविष्यवाणी करती थी। यह एक शक्तिशाली ताकत थी। जब वह भविष्य के विषय में भविष्यवाणी करती थी तो लोग उस लड़की के मालिक को बहुत पैसा देते थे। इस जीवन में होने वाली उन सभी परेशानियों के बारे में सोचें। एक प्रियजन बीमार हो सकता है। कोई अपनी नौकरी खो देता है और इसलिए वह अपने परिवार के लिए किराया या भोजन का भुगतान नहीं कर पाता है। लोग शादी करना चाहते हैं और उन्हें बच्चे होने की चाह होती है। आगे क्या होगा यह सोचकर डर लगता है।

जब एक विश्वासी भविष्य के बारे में चिंतित होना शुरू कर देता है, तो हम जानते हैं कि हम पौलुस और उसके मित्रों की तरह परमेश्वर से प्रार्थना कर सकते हैं। हम जानते हैं कि हममें से प्रत्येक के लिए परमेश्वर की एक अच्छी और सही योजना है, भले ही यह हमेशा आसान न हो। हम जानते हैं कि हमारा पिता हमारी सुनता है और हमारी सहायता करता है। वह हमेशा हमें वही नहीं देता जो हम चाहते हैं, लेकिन वह पूरी तरह विश्वासयोग्य है और अपने बच्चों को अच्छी वस्तुएं देना चाहता है। परमेश्वर हमें चिंतित न होने के लिए कहता है, लेकिन सब बातों के लिए प्रार्थना करने के लिए और धन्यवाद देने के लिए कहता है। हम उस पर पूर्णरूप से भरोसा कर सकते हैं, इसलिए हमें भविष्य के बारे में चिंता करने कि आवश्यकता नहीं है।

फिलिप्पी के अधिकांश लोगों को यह नहीं पता था कि परमेश्वर कितना अद्भुत है। उन्हें झूठ पर विश्वास करना सिखाया गया था। उन्हें अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए कई तरीके मिले। वे झूठे देवताओं के पीछे गए, वे सितारों को पढ़ते थे, और काला जादू करते थे जब उनके सामने बड़ी समस्या आई, तो यह बहुत डरावना था वे जानते थे कि जिन देवताओं की उन्होंने पूजा की है वे क्रूर थे, और वे उनसे डरते थे । वे अपने झूठे देवताओं को बलिदान चढ़ाने जैसी चीजें करके खुश करने कि कोशिश करते थे वे अपने भविष्य को नियंत्रण में लेना चाहते थे या पता लगाना चाहते थे। कि भविष्य में क्या होगा और इस छोटी दासी लड़की की तरह अन्य लोगों के पास जाते थे। वे समझ नहीं पाए कि एक सच्चा परमेश्वर जिसने पूरी दुनिया की रचना की, वह प्रेमी है, उस पर पूरा भरोसा किया जा सकता है, और वह प्रार्थना का उत्तर देता है। पौलुस फिलिप्पी इसलिए गया ताकि वह लोगों को सिखा सके कि वे इस भ्रम और भय से मुक्त हो सकते हैं। सर्वश्रेष्ट परमेश्वर उन्हें उनके भय और शर्म से बनाने के लिए आया था!

जब वह दासी जिसमें भावी कहने वाली आत्मा थी पौलुस और उसके मित्रों को मिली, तो वह उनका पीछा करने लगी। जैसे ही वह उनके पीछे आई, वह चिल्लाई, "ये लोग परम परमेश्वर के सेवक हैं। ये तुम्हें मुक्ति के मार्ग का संदेश सुना रहे हैं।" वाह। क्या वह सही थी? हाँ! वह थी। उसे कैसे पता चला? खैर, उसके पास एक भावी कहने वाली आत्मा थी। दुष्ट आत्मा स्वर्ग में वे स्वर्गदूत थे

जिन्होंने परमेश्वर के विरूद्ध विद्रोह किया था। उन्होंने शैतान का पालन किया था। शैतान एक बहुत ही उच्च और शक्तिशाली दूत था जो पूरी तौर से दृष्ट बन गया था। बाइबल बताती है कि वह झूठ का पिता है। उसने परमेश्वर के विरुद्ध अन्य गिरे हुए दूतों के साथ एक महान युद्ध किया, और परमेश्वर ने उन्हें स्वर्ग से बाहर फेंक दिया था। वे प्रतिकूल, दुष्ट प्राणी बन गए जो हर उस चीज़ को जो सुंदर और सत्य है। धोखा देते और नष्ट करने की कोशिश करते हैं। वे जानते थे कि परमेश्वर मनुष्यों से कितना प्रेम करता है, इसलिए वे लोगों को बर्बाद करने और उन्हें परमेश्वर से अलग रखने की कोशिश करते हैं ताकि उन्हें पाप और शर्मिंदगी का गुलाम बना दें। वे यह जानकर प्रसन्न होते हैं कि जब वे लोगों को चोट पहुंचाते हैं, तो वे परमेश्वर को चोट पहुंचाते हैं। क्या वे बुरे नहीं हैं?

ये दुष्टात्माएं स्वर्ग में रहती थीं, इसलिए वे जानती थीं कि एक सज्ञा परमेश्वर कौन है। वे जानती हैं कि वह पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा है। वे यह भी जानती हैं कि मनुष्यों के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण कहानी यह है कि यीशु मसीह की मृत्यु किस प्रकार हुई और वह फिर से जी उठा है। वे उस कहानी से घृणा करती हैं जिसके द्वारा मनुष्य अनन्त जीवन पाकर बच जाते हैं। यह दुष्टात्मा समझ गई कि पौलुस और उसके मित्र फिलिप्पी इसलिए आए थे ताकि वे लोगों को यह कहानी बता सकें । वह समझ गई कि वे केवल अपने विचारों को बाँटने नहीं आए हैं, परन्तु उन्हें स्वर्ग के परमेश्वर ने भेजा था। पौलुस स्वर्ग के राजा के लिए अंधकार की शक्तियों और पाप से, सुसमाचार की सच्चाई के उज्जवल चंगाई के विरुद्ध, युद्ध लड़ रहा था।

दुष्टात्मा से ग्रस्त लड़की पौलुस और उसके मित्रों का चिल्लाते हुए कई दिनों तक पीछा करती रही। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि आप और आपके माता-पिता कहीं गए हैं, और कोई अजनवी आपके पीछे चिल्लाते हुए पीछा कर रहा है? क्या यह परेशान करने वाली बात नहीं होगी? ठीक उसी तरह पौलुन ने भी महसूस किया। उसके चिल्लाने ने अंततः उसे इतना परेशान कर दिया कि उसने मुड़ कर उसकी ओर देखा। उसने उस दुष्टात्मा ने कहा जो उसके अंदर थी, मैं बीशु मसीह के नाम पर तुझे आज्ञा देता हूँ, इस लड़की में से बाहर निकल आए।" उसी पल वह उस लड़की को छोड़ दिया। उसके पास और कोई विकल्प नहीं था, यीशु का नाम स्वर्ग और पृथ्वी पर सबसे शक्तिशाली नाम है। और लड़की मुक्त हो गई! लेकिन कहानी का अंत ये नहीं है।