पाठ 1 : भविष्यवक्ता का दुःख

यर्मियाह नबी को रोने वाला नबी कहा जाता था I वह इसलिए रोता था क्योंकि वह परमेश्वर से प्रेम करता था और उसने इस्राएल देश को उसके विरुद्ध बग़ावत करते देखा था I वह जानता था कि उनके हृदय कठोर, दुष्ट और पाप से भरे हुए थे I उन्होंने यहोवा का और उसके पवित्र और चुने हुए लोग होने के अद्भुत अवसर का इन्कार किया !

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पाठ 2: यरूशलेम का पतन

605 ईसा पूर्व में बेबीलोन की महान सेना इस्राएल की भूमि में घुस आई I उसने मिस्र देश, सीरिया और फारस पर, एक व्यापक युद्ध द्वारा विजय प्राप्त की I फिर नबूकदनेस्सर, जो बाबेल का राजा था, ने यरूशलेम पर घेराबंदी की I और शहर को पराजित किया I

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पाठ 3 : धार्मिक शाकाहारी

शायद बहुत से ऐसे तरीके थे जिससे कि शद्रक, मेशक, अबेदनगो, और दानिय्येल ने, नबूकदनेस्सर राजा और बाबेल के देवताओं के ऊपर इस्राएल के परमेश्वर को आदर देने का चुनाव किया I

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पाठ 4: स्वप्न को देने वाला

दानिय्येल और उसके साथी शायद उस समय नौजवान ही थे जब बाबेल के ज्ञानी के लिए एक बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो गयी थी I नबूकदनेस्सर राजा को एक सपना आया I

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पाठ 5 : साम्राज्यों के ऊपर परमेश्वर की रक्षा

अपने मित्रों के साथ प्रार्थना करने के बाद, परमेश्वर ने दानिय्येल को नबूकदनेस्सर के स्वप्न का रहस्य बताया I दानिय्येल अर्योक के पास गया और उससे कहा, “’बाबुल के बुद्धिमान पुरूषों की हत्या मत करो।

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पाठ 6 : अंतिम साम्राज्य और शक्तिशाली राज्य

दानिय्येल नबूकदनेस्सर स्वप्न का व्याख्या करता रहा I तीसरा राष्ट्र जिसे मूर्ति पर कांस के रूप में दिखाया गया था शायद यूनान था I

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पाठ 7 : धधकती भट्टी

नबूकदनेस्सर राजा ने भविष्य के उस दर्शन के द्वारा जिसे सर्व उच्च परमेश्वर ने उसे दिया था, एक महान सबक सीखा I परमेश्वर ने स्वयं को, नबूकदनेस्सर के स्वप्न के और उसके सही व्याख्या द्वारा जिसे दानिय्येल ने अपने चमत्कारी जानकारी के द्वारा किया था, सिद्ध किया I

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पाठ 8 : धधकती आग

शद्रक, मेशक, और अबेदनगो नबूकदनेस्सर राजा के सामने दूरा के मैदान में खड़े हुए I नौ मंज़िला मूर्ति पास में खड़ी थी, और गरम धधकती आग निकल रही थी I पास में अधिकारी और प्रभावशाली पुरुष भी खड़े थे, जो इस नाटक को प्रकाशित होते देख रहे थे I

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पाठ 9 : नबूकदनेस्सर का पागल सपना

बाबेल में, जो सबसे गंभीर बात होती थी वह थी स्वप्न Iवे मानते थे कि स्वप्न उन्हें देवताओं के विषय में जानकारी देते हैं I वे मानते थे कि स्वप्न उन्हें भविष्य के विषय में बता सकते थे I वे स्वप्न के अर्थ को ढूंढते थे और बुद्धिमान लोगों को ढूंढते थे जो उन्हें उसका प्रत्येक भाग बता सकें I

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पाठ 10 : नबूकदनेस्सर का पागल हो जाना

नबूकदनेस्सर राजा को एक डरावना स्वप्न आया, और परमेश्वर ने दानिय्येल को अनुवाद करने का एक तरीका दिया था I क्योंकि राजा ने परमेश्वर को महिमा नहीं दी थी, नबूकदनेस्सर सात वर्ष के लिए पागल होने वाला था !

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पाठ 11 : बेलशस्सर और दीवार पर अभिलेख

दानिय्येल में अगली कहानी नबूकदनेस्सर के पागल हो जाने के तीस वर्ष के बाद लिखी गयी I नबूकदनेस्सर का परमेश्वर को आदर और स्तुति देने के बाद, उसे एक राजा के रूप में और अधिक अधिकार और महिमा दी गयी I

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पाठ 12 : परमेश्वर के बुद्धिमान दास का बुलाया जाना

राजा बेलशस्सर ने अपने एक हजार अधिकारियों को उस समय एक बड़ी दावत दी जिस समय मादी फारसी की सेना बाबेल के शहर की ओर बढ़ रही थी I

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पाठ 13 : दानिय्येल के दुश्मनों की प्रवंचना और भ्रष्टाचार

अगली कहानी शायद बाबेल के मादी-फारसी साम्राज्य के हाथों में गिरने के शायद एक या दो वर्ष पहले की है I राजा दारा, जो साइरस भी कहलाता था, राजा था I वह वो राजा था जिसे यशायाह नबी ने उसके नाम से पुकारा था I

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पाठ 14 : दानिय्येल शेरों की मांद में

जब दानिय्येल ने हुक्मनामें के विषय में सुना, तो उसका व्यवहार बिल्कुल नहीं बदला I जैसे वह हमेशा करता था, वह प्रतिदिन तीन बार प्रार्थना करता था I उसने अपने घर की खिड़की को जो यरूशलेम की ओर खुलती थी, खोला और इस्राएल के परमेश्वर को धन्यवाद दिया और प्रार्थना की

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पाठ 15 : क़यामत का समझाया जाना

हम जो पढ़ने जा रहे हैं वह दानिय्येल की पुस्तक के सातवें अध्याय से आता है I अब तक दानिय्येल की पुस्तक में हमने देखा कि किस प्रकार शक्तिशाली और प्रभु परमेश्वर सबसे महान साम्राज्य और सबसे शक्तिशाली राजाओं के ऊपर है I

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पाठ 16 : दानिय्येल का दर्शन – पहले दो पशु

पहले वर्ष में जब बेलशस्सर बाबेल का राजा था, परमेश्वर ने दानिय्येल को उन बातों का एक चौका देने वाला दर्शन दिया जो भविष्य में होने वाली थीं I हम उन छवि को क़यामत कहते हैं क्योंकि एक कहानी को बताने का यह एक अजीब और सुन्दर तरीका था I

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पाठ17 : तीसरा पशु

दानिय्येल ने अपने स्वप्न में एक शेर के समान पशु को देखा जिसके बाज के पंख थे Iउसने एक दूसरा पशु देखा जो एक भालू के समान था जो आक्रमण करने के लिए तैयार था I तीसरा पशु एक महान सिंह के समान था और केवल इसी पशु के एक पक्षी के समान चार पंख थे I

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पाठ18: अति प्राचीन और मनुष्य का पुत्र

दानिय्येल ने चौथे पशु को समुन्द्र से निकलते देखा I तब उसने दस सींगों वाले चौथे पशु के एक छोटे सींग को उगते देखा I उस छोटे सींग की ऑंखें और एक मुंह था I वह एक क्रूर राजा का प्रतीक था जिसने देशों पर जीत हासिल कर के उन पर राज्य किया था I

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पाठ 19 : स्वप्न बाधित होती है

वाह, दानिय्येल ने कितना विस्मयकारी स्वप्न देखा! परंतु जो उसने देखा उससे वह बहुत परेशान हुआ। दानिय्येल ने कुछ बहुत ही अद्भुत और लुभावनी चीज़ें देखीं। उसने परमेश्वर को सामर्थ और न्याय के साथ राज्य करते देखा। उसने मनुष्य के पुत्र को बादल में आते देखा ।

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पाठ 20 : गढ़ के किनारे का दृश्य

जिस स्वप्न के विषय में हमने अभी पढ़ा वह राजा बेलशस्सर के बाबेल पर शासन काल के पहले वर्ष के विषय में था I अब हम दानिय्येल के दूसरे स्वप्न के विषय में पढेंगे I

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