पाठ 9: अवशेष
जब आहाज ने अपना भरोसा यहोवा पर नहीं रखा, तो उसने अपने और परमेश्वर के बीच रेत में एक रेखा खींची । जिन लोगों ने यहोवा पर भरोसा करने से इनकार किया, वे आहाज के वंशावली के थे, और वे विनाश के लिए बर्बाद हो गए । लेकिन यहूदा के सभी विद्रोही लोगों में से जो आहाज के पीछे चलते थे और बुराई करते थे, परमेश्वर एक वफादार चेलों के एक समूह को बनाएगा । वे बचे हुए होंगे, यहूदियों का एक समूह जिन्होंने अपने परमेश्वर यहोवा पर भरोसा किया था I वे यशायाह के साथ परमेश्वर के पक्ष में होंगे I वे उनमें से थे जो परमेश्वर को अपने सारे दिल, अपने सारे मन, अपने सारे प्राण और सारी सामर्थ से प्यार करते थे । यहोवा के लिए उनके सम्पूर्ण गहरे प्रेम से, उन्होंने मूसा की व्यवस्था को माना । वे यहोवा के प्रिय जन थे I
इसका मतलब था कि उनका जीवन उनके आसपास के लोगों से बहुत अलग दिखता था । वे उस पर अपने विश्वास के साथ भरोसा कर सकते थे I यहां तक कि जब दुनिया में बुरे काम हुए, तो उन्होंने देखा कि परमेश्वर अपना कार्य कैसे करता है I वे डरे नहीं I वे महान शांति के साथ रहते थे क्योंकि उन्हें पता था कि उनका परमेश्वर सब के ऊपर ज्ञान और शक्ति के साथ राज्य करता था ।
यह, वे जो परमेश्वर के हैं, और वे जो नहीं हैं, उन लोगों के बीच बहुत बड़ा अंतर था और है । जो लोग उस पर भरोसा रखते हैं, उनके लिए परमेश्वर रक्षा और सुरक्षा की चट्टान है । वह उन लोगों की रक्षा करता है जो मदद के लिए उस पर निर्भर करते हैं । लेकिन दुष्टों के लिए, परमेश्वर वह चट्टान है जिस पर वे ठोकर खा कर गिर जाते हैं। वे अपने तरीके से सब कुछ करना चाहते हैं, लेकिन यह असंभव है I परमेश्वर ही एकमात्र तरीका है I उसने ब्रह्मांड को बनाया, और उसकी योजनाओं को ना तो बदला जा सकता है और ना ही या रोका जा सकता है । जब अविश्वासी परमेश्वर के रास्ते में आने की कोशिश करते हैं, तो वे ऐसा नहीं कर पाते I पूरे ब्रह्मांड में ऐसी कोई जगह नहीं है, जिसके ऊपर वह प्रभारी नहीं है । वे ठोकर खाते हैं और स्वयं नष्ट हो जाते हैं ।
ये अद्भुत सत्य थे जिन्हें परमेश्वर ने यशायाह को अपने समय के लोगों को घोषित करने के लिए दिए थे I उसने यशायाह को भविष्य के विषय में जो कुछ भी घटने ने जा रहा था, उसके बारे में बहुत सी अद्भुत भविष्यवाणियां दीं । तब उसने यशायाह को इन भविष्यवाणियों को लेकर उन्हें बांधने को कहा I यशायाह को उन्हें भविष्य के लिए सावधानीपूर्वक रिकॉर्ड के रूप में रखना था I बहुत भयानक घटनाएं घटने वाली थीं । युद्ध और निर्वासन होगा और बहुत से लोग मारे जायेंगे और बंदी बनाए जाएँगे I जब ये बातें होने लगीं, तो धर्मी लोग यशायाह की भविष्यवाणियों के रिकॉर्ड के रूप में दिखाएँगे कि यह परमेश्वर की योजना का एक हिस्सा था । परमेश्वर चाहता था कि वे जो वफ़ादार थे यह जानें कि इतिहास अभी भी उसके नियंत्रण में है । वह उनकी देखभाल करेगा और उनकी रक्षा करेगा । उन्हें परमेश्वर पर ठहरना होगा और उस पर भरोसा करना होगा । चाहे वे अंधकार भरी दुनिया से घिरे हों, उन्हें परमेश्वर की ज्योति में चलते रहना होगा I
राजा आहाज और उसके जैसे विश्वासघाती यहूदी देशों के भय में रहते थे I वे एक महान अंधेर में चलते रहे I परमेश्वर में उनके विश्वास की कमी का मतलब था कि वे दुनिया को वास्तविक रूप से नहीं देख पा रहे थे जिस समय वह परमेश्वर पर विश्वास करने के द्वारा प्रकाशित होती है । परन्तु परमेश्वर में जो वफादार थे वे जानते थे कि यशायाह की भविष्यवाणियां परमेश्वर के ही शब्द थे । उन्हें पता था कि ये सब वास्तव में घटने वाला था I एक बच्चा एक कुंवारी मां से पैदा होगा, और यह चिन्ह होगा कि परमेश्वर उनके साथ था । उन्हें नहीं पता था कि इस कहानी से बढ़कर और भी बहुत कुछ था । कभी-कभी परमेश्वर की भविष्यवाणी एक विशेष घटना के लिए होती है I कभी-कभी इसमें दो अर्थ हो सकते हैं I हम देखते हैं कि यशायाह के समय में परमेश्वर की भविष्यवाणियों का बहुत विशिष्ट अर्थ था । इसका यह भी मतलब था कि परमेश्वर भविष्य में कुछ करने जा रहा था I एक उज्ज्वल, नया प्रकाश आने वाला था । सैकड़ों वर्ष बाद, एक और बच्चा एक कुंवारी से पैदा होगा I उसका नाम भी इम्मानुएल होगा, और वह वास्तव में "परमेश्वर हमारे साथ" होगा । आप किसे सोचते हैं कि यशायाह की भविष्यवाणी के अनुसार का दूसरा बच्चा कौन हो सकता है ?