पाठ 24: यीशु को देखना
यह मार्ग इतना विशेष है कि हम इसे फिर से पढ़ना चाहेंगे ! कई उल्लेखनीय तरीके देखने के लिए नीले तीर को देखें, जिसमें यीशु ने पीड़ा के बारे में यशायाह की भविष्यवाणी को पूरा किया था ।
यशायाह 52:13-53:12
यीशु ने जो किया वह सब में बिल्कुल बुद्धिमान था। उसके मरने के बाद, वह स्वर्ग में गया और परमेश्वर के दाहिने हाथ बैठ गया।
“मेरे सेवक की ओर देखो। यह बहुत सफल होगा।
यह बहुत महत्त्वपूर्ण होगा। आगे चल कर लोग
उसे आदर देंगे और उसका सम्मान करेंगे।”
“किन्तु बहुत से लोगों ने जब मेरे सेवक को
देखा तो वे भौंचक्के रह गये। मेरा सेवक इतनी
यीशु को बुरी तरह मारा गया
बुरी तरह से सताया हुआ था कि वे उसे एक
मनुष्य के रूप में बड़ी कठिनता से पहचान पाये।
पिलातुस यीशु द्वारा शांत किया गया
किन्तु और भी बड़ी संख्या में लोग उसे देख
कर चकित होंगे। राजा उसे देखकर आश्चर्य में
पड़ जायेंगे और एक शब्द भी नहीं बोल पायेंगे।
यीशु एक गरीब परिवार में बड़ा हुआ और उसे धार्मिक प्रशिक्षण नहीं मिला था। फरीसी और सदूकी उसकी अवहेलना करने के लिए इसका उपयोग करेंगे I
मेरे सेवक के बारे में उन लोगों ने वह कहानी बस सुनी
ही नहीं है, जो कुछ हुआ था, बल्कि उन्होंने तो उसे देखा था। उन
लोगों ने उस कहानी को सुना भर नहीं था, बल्कि
उसे समझा था।”
हमने जो बातें बतायी थी; उनका सचमुच किसने विश्वास
यीशु के सभी मित्र उससे दूर भागते थेI उसने एक आपराधिक मौत सही I
किया यहोवा के दण्ड को सचमुच किसने स्वीकारा
यहोवा के सामने एक छोटे पौधे की तरह उसकी
बढ़वार हुई। वह एक ऐसी जड़ के समान था जो सूखी
धरती में फूट रही थी। वह कोई विशेष, नहीं दिखाई
यीशु ने अपना लहू इसलिए बहाया ताकि हमें मुक्ति मिलेI
देता था। न ही उसकी कोई विशेष महिमा थी।
यदि हम उसको देखते तो हमें उसमें कोई ऐसी विशेष
बात नहीं दिखाई देती, जिससे हम उसको चाह सकते।
उस से घृणा की गई थी और उसके मित्रों ने उसे
यीशु को याजकों,पिलातुस और हेरोदेस के सामने अपमानित किया गया I उसने अपना बचाव नहीं कियाI वह शांत रहाI
छोड़ दिया था। वह एक ऐसा व्यक्ति था जो पीड़ा
को जानता था। वह बीमारी को बहुत अच्छी तरह
पहचानता था। लोग उसे इतना भी आदर नहीं देते
थे कि उसे देख तो लें। हम तो उस पर ध्यान तक
नहीं देते थे।
किन्तु उसने हमारे पाप अपने ऊपर ले लिए। उसने हमारी
पीड़ा को हमसे ले लिया और हम यही सोचते रहे कि
“जीवतों की भूमि से काट दिए जाने” का अर्थ है वह मारा गयाI
परमेश्वर उसे दण्ड दे रहा है। हमने सोचा परमेश्वर
उस पर उसके कर्मों के लिये मार लगा रहा है। किन्तु
वह तो उन बुरे कामों के लिये बेधा जा रहा था, जो
हमने किये थे। वह हमारे अपराधों के लिए कुचला जा
रहा था। जो कर्ज़ हमें चुकाना था, यानी हमारा दण्ड था,
उसे वह चुका रहा था। उसकी यातनाओं के बदले में हम चंगे
यीशु को एक अपराधी के रूप में मौत दी गयीI जो पुरुष उसके साथ मरे वे चोर थेI लेकिन यीशु को एक धनि व्यक्ति के नए कब्र में दफनाया गयाI
(क्षमा) किये गये थे।किन्तु उसके इतना करने के बाद भी
हम सब भेड़ों की तरह इधर—उधर भटक गये। हममें से
हर एक अपनी—अपनी राह चला गया। यहोवा द्वारा हमें
हमारे अपराधों से मुक्त कर दिये जाने के बाद और हमारे
अपराध को अपने सेवक से जोड़ देने पर भी हमने ऐसा
किया। उसे सताया गया और दण्डित किया गया।
यह परमेश्वर की योजना थी कि वह अपने पुत्र को भेजे कि वह क्रूस पर मारा जाएI यीशु ने ठीक वैसा ही किया जैसा पिता परमेश्वर ने कहा था I वह संसार के पापों लिए एक पवित्र बलिदान था
किन्तु उसने उसके विरोध में अपना मुँह नहीं खोला।
वह वध के लिये ले जायी जाती हुई भेड़ के समान
चुप रहा। वह उस मेमने के समान चुप रहा जिसका
ऊन उतारा जा रहा हो। अपना बचाव करने के लिये
उसने कभी अपना मुँह नहीं खोला। लोगों ने उस पर बल
प्रयोग किया और उसे ले गये। उसके साथ खेरपन से
न्याय नहीं किया गया। उसके भावी परिवार के प्रति कोई
यीशु ने जीवन की ज्योति को अपनी मृत्यु के बाद देखा I यीशु की मृत्यु और जी उठने के द्वारा बहुतेरे मुक्ति पाएंगेI
कुछ नहीं कह सकता क्योंकि सजीव लोगों की धरती से
उसे उठा लिया गया। मेरे लोगों के पापों का भुगतान
करने के लिये उसे दण्ड दिया गया था।उसकी मृत्यु हो
गयी और दुष्ट लोगों के साथ उसे गाड़ा गया। धनवान
लोगों के बीच उसे दफ़नाया गया। उसने कभी कोई हिंसा
नहीं की। उसने कभी झूठ नहीं बोला किन्तु फिर भी
उसके साथ ऐसी बातें घटीं। यहोवा ने उसे कुचल डालने
अब यीशु स्वर्ग में विराजमान हैI वह अपने पिता के दाहिने हाथ बैठ कर सब संतों के लिए प्रार्थना करता हैI संसार की प्रत्येक शक्ति उसके पैरों तले है, और वह सब पर राज्य करता है! वह महान व्यक्तियों में गिना जाता हैI
का निश्चय किया। यहोवा ने निश्चय किया कि वह
यातनाएँ झेले। सो सेवक ने अपना प्राण त्यागने को
खुद को सौंप दिया। किन्तु वह एक नया जीवन
अनन्त—अनन्त काल तक के लिये पायेगा। वह अपने
लोगों को देखेगा। यहोवा उससे जो करना चाहता है,
वह उन बातों को पूरा करेगा। वह अपनी आत्मा में
बहुत सी पीड़ाएँ झेलेगा किन्तु वह घटने वाली अच्छी
को देखेगा। वह जिन बातों का ज्ञान प्राप्त करता है, उनसे संतुष्ट होगा।
मेरा वह उत्तम सेवक बहुत से लोगों को उनके अपराधों से छुटकारा दिलाएगा। वह उनके पापों को अपने सिर ले लेगा। इसलिए मैं उसे बहुतों के साथ पुरस्कार का सहभागी बनाऊँगा। वह इस पुरस्कार को विजेताओं के साथ ग्रहण करेगा। क्यों क्योंकि उसने अपना जीवन दूसरों के लिए दे दिया। उसने अपने आपको अपराधियों के बीच गिना जाने दिया। जबकि उसने वास्तव में बहुतेरों के पापों को दूर किया और अब वह पापियों के लिए प्रार्थना करता है।”
नए नियम के धर्मी लोग अक्सर इन खूबसूरत पदों को यह दिखाने के लिए इंगित करते हैं कि यीशु किस प्रकार यशायाह का दुखदायी सेवक और सच्चा मसीहा था । प्रेरित पौलुस, प्रिय मित्र और यीशु का शिष्य, इन पदों का उपयोग, यीशु की मृत्यु और जी उठने के बाद वर्णन करने के लिए करता है;
“परमेश्वर ने तुम्हें इसलिए बुलाया है क्योंकि मसीह ने भी हमारे लिए दुःख उठाये हैं और ऐसा करके हमारे लिए एक उदाहरण छोड़ा है ताकि हम भी उसी के चरण चिन्हों पर चल सकें।
उसने कोई पाप नहीं किया
और न ही उसके मुख से कोई छल की बात ही निकली।”
जब वह अपमानित हुआ तब उसने किसी का अपमान नहीं किया, जब उसने दुःख झेले, उसने किसी को धमकी नहीं दी, बल्कि उस सच्चे न्याय करने वाले परमेश्वर के आगे अपने आपको अर्पित कर दिया। उसने क्रूस पर अपनी देह में हमारे पापों को ओढ़ लिया। ताकि अपने पापों के प्रति हमारी मृत्यु हो जाये और जो कुछ नेक है उसके लिए हम जीयें। यह उसके उन घावों के कारण ही हुआ जिनसे तुम चंगे किये गये हो। क्योंकि तुम भेड़ों के समान भटक रहे थे किन्तु अब तुम अपने गड़रिये और तुम्हारी आत्माओं के रखवाले के पास लौट आये हो।”
पतरस ने कलीसिया को लोगों को याद दिलाने के लिए लिखा कि यीशु ने हमारे लिए जो किया उसके लिए हमें गहराई से आभारी होना है, हमें उसके पद चिन्हों पर चलना होगा और अपने जीवन को परमेश्वर को सौंपना होगा । यहां तक कि यदि हमें क्लेश भी उठाना हो, तो वह उसके लायक होगा, क्योंकि इसका मतलब होगा कि हम यीशु के जीवन से जुड़े हुए हैं । हम अनंत काल में उसके साथ उठाये जायेंगे और अनन्त जीवन प्राप्त करेंगे !