पाठ 1 : भविष्यवक्ता का दुःख
यर्मियाह नबी को रोने वाला नबी कहा जाता था I वह इसलिए रोता था क्योंकि वह परमेश्वर से प्रेम करता था और उसने इस्राएल देश को उसके विरुद्ध बग़ावत करते देखा था I वह जानता था कि उनके हृदय कठोर, दुष्ट और पाप से भरे हुए थे I उन्होंने यहोवा का और उसके पवित्र और चुने हुए लोग होने के अद्भुत अवसर का इन्कार किया ! परमेश्वर ने अपने पवित्र नबी द्वारा उन्हें बार-बार चेतावनी दी थी, और फिर भी वे परमेश्वर की ओर पश्चाताप करके नहीं फिरे I
सौ वर्ष पूर्व जब यर्मियाह भविष्यवाणी करने आया, परमेश्वर ने यशायाह नबी को यहूदा के राजा के पास भेजा I यहूदा इस्राएल का दक्षिण राज्य था, और हिजकिय्याह उनका शासक था I यशायाह ने यहेजकेल राजा को चेतावनी दी थी कि एक दिन परमेश्वर बाबेल को इस्राएल देश पर उनके पापों के कारण जीत दिलाएगा I उस कहानी में, बाबेल के राजकीय अधिकारी राजा यहेजकेल से मिलने यरूशलेम आए I यहेजकेल ने एक बहुत बड़ी मुर्खता दिखाई I वह बाबेल के अधिकरियों के सामने दिखावा करना चाहता था I वह उन्हें दिखाना चाहता था कि वह कितना महान राजा था I इसलिए वह उन्हें परमेश्वर के पवित्र मंदिर में ले गया और उन्हें वे सब सोने और चांदी के पात्र दिखाए जो प्रभु कि सेवा करने के लिए उपयोग किये जाते थे I वह उन्हें गोदामों में ले गया और युद्ध में उपयोग होने वाले सभी हथियार दिखाए I उसने कहा कि यरूशलेम में ऐसी कोई चीज़ इतनी कीमती नहीं जिसे उसने बाबेलके निवासियों को ना दिखाई हो I परन्तु हिजकिय्याह परमेश्वर के राजकीय देश का राजा था I अपनी संपत्ति के विषय में बढ़कर के बोलने के बजाय, उसे उन परदेशियों को सर्वश्रेष्ठ परमेश्वर की भलाइयों के विषय में बताना चाहिए थे I अपनी शक्ति और संपत्ति का दिखावा करने के लिए हिजकिय्याह ने उन पवित्र पात्रों को उपयोग किया जो परमेश्वर की उपासना के लिए थे I अपनी सुरक्षा के लिए परमेश्वर पर भरोसा करने के बजाय वह ताकतवर देशों से दोस्ती करना चाहता था I
परमेश्वर क्रोधित हुआ I उसने यशायाह से हिजकिय्याह को सन्देश देने के लिए कहा I उसके और उसके लोगों के पापों के कारण, बाबेलके लोग आकर यरूशलेम पर जीत हासिल करने जा रहे थे I बाबेलके लोग उन सब सोने और चांदी के कीमती पात्रों के विषय में जान जायेंगे क्योंकि हिजकिय्याह ने मूर्खता से उन्हें दिखा दिया था I हिजकिय्याह ने सिखा दिया था कि यरूशलेम पर आक्रमण करना सही है I उनकी सेना यरूशलेम पर, जो दाऊद का शहर है, चढ़ाई करेगी, और उन सब चीज़ों को लूट लेगी जो उनके अधिकारीयों ने देखा था I यरूशलेम पूरी तौर से बाबेल द्वारा नष्ट किया जाएगा, और यहूदा के लोगों को उनके निवास स्थान से बहुत दूर, विभिन्न देशों में बंधी बनाकर ले जाया जाएगा I वे अपने आतंक और दु: ख में डूब जाएँगे I मंदिर पूरी तरह तबाह किया जाएगा I और हिजकिय्याह के कुछ वंशज बाबेल, बेबीलोन के राजा के सेवक बनकर जायेंगे I (2 राजा 20:12-21)
बाबेल के इस आक्रमण से, इस्राएल देश अपनी भूमि को खो देगा I यह वादा का देश था, अपने चुने हुए लोगों के साथ किये गए परमेश्वर के पवित्र वाचा का एक भाग I परमेश्वर बड़ी वफ़ादारी के साथ उन्हें मित्र देश से बचाकर लाया था, परन्तु उसके लोगों ने अपना वादा नहीं निभाया I बार बार उन्होंने वादा तोड़ा, झूठे देवताओं को पूजा और नैतिक गंदगी और दुष्टता में जीवन बिताया I जिस देश को परमेश्वर ने अपने पवित्र याजक बनकर संसार में सेवा के लिए चुना था, वे उन सभी देशों से अधिक दुष्ट निकले जो उनके चारों ओर थे ! उन्होंने परमेश्वर के आगे कोई विकल्प नहीं छोड़ा बजाय इसके कि वह उनकी आशीषों को वापस लेले I वे बुरी तरह से असफ़ल हुए, और अब वाचा भी टूट गयी थी I
परमेश्वर पूर्णरूप से प्रभु है I उसने यह सब होने से पूर्व सदियों पहले ही देख लिया था I उसने मूसा कि किताब, व्यवस्थाविवरण में, चेतावनी दे दी थी I इस किताब में परमेश्वर और उसके लोगों के बीच में किये गए वाचा के वादे के विषय में दिया हुआ है I उस वाचा का कुछ हिस्सा इस प्रकार है :
“इस्राएल के लोगो, ध्यान से सुनो! यहोवा हमारा परमेश्वर है, यहोवा एक है! और तुम्हें यहोवा, अपने परमेश्वर से अपने सम्पूर्ण हृदय, आत्मा और शक्ति से प्रेम करना चाहिए। यहोवा तुम्हरा परमेश्वर तुम्हें उस देश में ले जाएगा जिसके लिए उसने तुम्हारे पूर्वजों—इब्राहीम, इसहाक और याकूब को देने का वचन दिया था। तब वह तुम्हें बड़े और सम्पन्न नगर देगा जिनहें तुमने नहीं बनाया। यहोवा तुम्हें अच्छी चीजों से भरे घर देगा जिन्हें तुमने वहाँ नहीं रखा। यहोवा तुम्हें कुएँ देगा जिन्हें तुमने नहीं खोदा है। यहोवा तुम्हें अंगूर और जैतून के बाग देगा जिन्हें तुमने नहीं लगाया। तुम्हारे खाने के लिए भरपूर होगा।किन्तु सावधान रहो। यहोवा को मत भूलो जो तुम्हें मिस्र से लाया, जहाँ तुम दास थे।यहोवा अपने परमेश्वर का सम्मान करो और केवल उसी की सेवा करो। वचन देने के लिए तुम केवल उसी के नाम का उपयोग करोगे। तुम्हें अन्य देवताओं का अनुसरण नहीं करना चाहिए। तुम्हें अपने चारों ओर रहने वाले लोगों के देवताओं का अनुसरण नहीं करना चाहिए। यहोवा तुम्हारा परमेश्वर सदा तुम्हारे साथ है और यदि तुम दूसरे देवताओं का अनुसरण करोगे तो वह तुम पर बहुत क्रोधित होगा! वह धरती से तुम्हारा सफाया कर देगा।“ व्यवस्थाविवरण 6:1-5,10-16 एनआईवी
बाद में उसी किताब में, मूसा चेतावनी देता है कि, “यहोवा तुम्हारे विरुद्ध बहुत दूर से एक राष्ट्र को लाएगा। यह राष्ट्र पृथ्वी की दूसरी ओर से आएगा। यह राष्ट्र तुम्हारे ऊपर आकाश से उतरते उकाब की तरह शीघ्रता से आक्रमण करेगा। तुम इस राष्ट्र की भाषा नहीं समझोगे (व्यवस्थाविवरण 28:49)” (मिलर, दानिय्येल,प.58) I परमेश्वर ने इस्राएल देश को सर्वोच्च अवसर दिया था, वे उसके अत्यधिक प्रिय वस्तु थे I वे ऐसे अद्भुत उपहार से कैसे पीठ दिखा सकते थे ?
हिजकिय्याह राजा उस बात से बहुत दुखी हुआ जो यशायाह ने बाबेल के विषय में बताई थी I वह जानता था कि यह परमेश्वर का न्याय उस बात के लिए है जिसके विषय में उसके स्वयं के जीवन में कभी नहीं घटेंगी I परमेश्वर अपने लोगों पर बाबेल द्वारा न्याय को लाने के लिए कई वर्ष तक रुकेगा I इसलिए परमेश्वर ने यर्मियाह नबी को, यरूशलेम के लोगों को चिताने के लिए, कि उनका समय समाप्त हो गया है, खड़ा किया I बाबेल यरूशलेम पर विजय होने के लिए आ रहा था और उन्हें उनके घर से बहुत दूर भेज रहा था I वे विदेशी शहरों में अनजानों की तरह रहेंगे जहाँ वे वह भाषा नहीं बोलते थे I केवल जो सबसे गरीब यहूदी थे उन्हें ही रहने दिया जाएगा I यर्मियाह अपने लोगों को सचेत करता है, परन्तु अधिकतर लोगों ने नहीं सुना I उनके हृदय विद्रोह से भरे हुए थे |