पाठ 2: पतन

आदम और हव्वा ने एक भयानक निर्णय लिया। परमेश्वर ने उनके लिए एक बहुत शानदार, सुंदर दुनिया बनाई थी। उसने उन्हें अपनी छवि में बनाकर उन्हें सर्वोच सम्मान दिया। उसने उन्हें पृथ्वी की देखरेख करने का अधिकार दिया। केवल एक काम करने की अनुमति नहीं थी। वे एक विशेष वृक्ष से फल नहीं खा सकते थे। यह अच्छाई और बुराई के ज्ञान का वृक्ष था। परमेश्वर जानता था कि यदि उन्होंने इससे खा लिया, तो वे बुरे काम करना सीखेंगे। वह चाहता था कि वे निर्दोष और शुद्ध रहें। उसने उन्हें उस वृक्ष के फल को छोड़ने के लिए कहा!

परमेश्वर का पालन करने के बजाय, आदम और हव्वा ने परमेश्वर के निर्देशों के विरूद्ध विद्रोह किया। वे उसके

बिरुद्ध गए और उसके मार्ग को अस्वीकार किया। वे ऐसा क्यों करेंगे? खैर, शैतान ने, जो परमेश्वर का शत्रु है, उन्हें बताया कि यदि वे उस फल को खाते हैं जिसकी अनुमति नहीं थी, तो कुछ भी बुरा नहीं होगा। वास्तव में, उसने उनसे यह कहा कि यदि उन्होंने उसे खा लिया, तो वे परमेश्वर के समान बन जाएंगे। उन्हें अच्छे और बुरे की समझ आजाएगी। अपने प्यारे परमेश्वर का पालन करने के बजाय, आदम और हव्वा ने शैतान की बात सुनी और उस वृक्ष से खाया। अचानक, वे समझ गए कि बुराई क्या है और कैसे होता है। इससे पहले, उनके शुद्ध हृदय केवल परमेश्वर को प्रसन्न करना चाहते थे। अब उनके हृदय ज्ञान और बुरे काम करने की इच्छा से विकृत और गंदे हो गए।।

परमेश्वर उनके बहुत निकट रहता था, वाटिका में उनके साथ बात करता और उनके साथ चलता था। वह शुद्ध और पवित्र है, उसकी भलाई सामर्थी और उज्जवल है। उसके पवित्र स्वभाव के निकट कोई पाप नहीं आ सकता, अपने पूर्ण शुद्धता के द्वारा वह पाप और पाप से दूषित कुछ भी नष्ट कर देगा। यह एक बर्फ घन के विरुद्ध आग की एक उज्वल लौ की तरह है। जब बर्फ गर्मी के पास होती है तो बर्फ घन बहुत लंबा नहीं रह पाता है! बर्फ घन नष्ट हो जाता है। वह गायब हो जाता है! इसी प्रकार, परमेश्वर की पवित्रता पाप और बुराई के साथ है। उसकी पूर्ण शुद्धता इसे मिटा देती है।

परमेश्वर आदम और हव्वा को शुद्ध रखना चाहता था ताकि वह उनके पास रह सके । वह उन्हें बुराई से निर्दोष रखना चाहता था। परमेश्वर उस वृक्ष से दूर रहने की चेतावनी देकर उनकी रक्षा करना चाहता था, परन्तु उन्होंने उसे अस्वीकार कर दिया। अब उनके हृदय पाप से दूषित हो गए थे। अब उनके लिए एक पवित्र परमेश्वर के निकट रहना खतरनाक था। परमेश्वर को उन्हें अपने सिद्ध वाटिका अभयारण्य से दूर भेजना पड़ा।

परमेश्वर ने आदम और हव्वा को पूरी पृथ्वी का प्रभारी बनाया। पृथ्वी की भलाई और स्वास्थ्य और उसमें रहने वाले प्राणी, आदम और हव्वा के द्वारा उस कर्म स प्रभावित हुए जो उन्होंने किया था। फल खाने से, आदम और हव्वा पूरे संसार पर एक भयानक अभिशाप ले आए। अब, जो कुछ उनके अधिकार में था वह सब उनके कारण कष्ट उठाएँगे, क्योंकि वे परमेश्वर से दूर हो गए थे। पृथ्वी भूकंप और तूफान के कारण तड़पती है। सभी जानवरों को पीड़ा होती है, और सभी पौधे और जानवर मरते हैं।

आदम और हवा पर जो अभिशाप आया वह एक बीमारी थी जो उनके सभी बच्चों को भी लग गयी। यह उनके सभी वंशजों को भी पारित हुई। संसार में प्रत्येक मनुष्य आदम और हव्वा का वंशज है। हर जीवित मनुष्य शाप के अधीन है। मनुष्य अभी भी परमेश्वर की छवि में बने हुए हैं, लेकिन अब छवि पाप के कारण विकृत और खंडित हो गई है। अदन की वाटिका में आदम और हव्वा की तरह परमेश्वर की आज्ञा मानने में सक्षम होने के बजाय, सभी मनुष्य वह करते और सोचते हैं जो बदसूरत, गलत और अशुद्ध है। प्रत्येक मनुष्य शापित है। प्रत्येक मनुष्य पीड़ित होता है, और मरता है। हर जगह बुद्ध और बीमारी, भुखमरी और हत्या होगी। हमारे लिए वह मापना असंभव है कि कितना दर्द, पीड़ा और बुराई है क्योंकि पहले मनुष्य अपने परमेश्वर के विरुद्ध चले गए थे।

लेकिन परमेश्वर शक्तिशाली रूप से प्रेमी है। उसने मानवता पर हार नहीं मानी, और वह अभी भी आशीष देने के लिए दृढ़ है। वह जानता था कि आदम और हव्वा पाप में पड़ेंगे, और उसके पास मानवता को बचाने की योजना थी। ऐसा करने के लिए बहुत समय लगेगा। ऐसे कई महत्वपूर्ण लोग होंगे जिन्हें परमेश्वर उपयोग करेगा, और परमेश्वर इतिहास के विभिन्न समयों में विभिन्न तरीकों से कार्य करेगा। परमेश्वर अपनी योजना को लेकर लोगों के विभिन्न समूहों के साथ विभिन्न प्रकार के वादे बनाएगा। इन वादों की बाचा कहा जाता है, और हम जल्द ही उन लोगों के विषय में और जानेंगे!